बिलासपुर– जोगी जाति मामले में एफआईआर दर्ज कराने प्रदेश के दिग्गज काग्रेसी नेता सिविल लाइन पहुंचे। आईपीएस शलभ सिन्हा और थाना प्रभारी से अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा। पुलिस प्रशासन ने परोक्ष रूप से शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया। समझाने का भी प्रयास किया। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने थाने के सामने सरकार और जोगी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
आदिवासी नेताओं ने अजीत जोगी को फर्जी आदिवासी बताया। थाना और आसपास जमकर तनाव देखने को मिला। महिला कांग्रेस विंग ने भी जोगी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की। कांग्रेस के आदिवासी नेता और पूर्व आईएएस शिशुपाल सोरी ने एफआईआर दर्ज नहीं किेये जाने पर थाने के सामने मुख्य मार्ग पर धरना प्रदर्शन कर पुलिस को परेशानी में डाल दिया।
जिला कांग्रेस कमेटी समेत प्रदेश के दिग्गज आदिवासी नेताओं ने आज कांग्रेस आदिवासी नेता शिशुपाल सोरी की अगुवाई में सिविल लाइन थाने का घेराव किया। शिशुपाल सोरी समेत अच्छी खासी संख्या में जिला कांग्रेस नेता और विधायकों ने थाने में धरना प्रदर्शन किया। सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। करीब तीन घंटे के बाद भी सिविल लाइन थाने में जोगी के खिलाफ कांग्रेसियों की मांग पर एफआईआर दर्ज नहीं किया गया।
मानमनौव्वल और हाइवोल्टेज प्रदर्शन के बीच शिशुपाल सोरी ने पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव,आईजी पुरूषोत्तम गौतम,डीजीपी को फोन लगाकर बातचीत की। आईपीएश शलभ सिन्हा से भी पुलिस अधिकारियों से बातचीत कराया। शलभ सिन्हा और थाना प्रभारी नसर सिद्धिकी ने कांग्रेस नेता शिशुपाल सोरी,चुन्नीलाल साहू,दिलीप लहरिया,श्यामलाल कंवर,प्रेम साय सिंह को समझाने का प्रयास किया। लेकिन नेताओं ने दो टूक कहा कि एफआईआर दर्ज किए जाने की सूरत में ही थाने से बाहर निकलेंगे।
आईपीएस शलभ सिन्हा ने कहा कि मामले में छानबीन की जाएगी। छानबीन के बाद एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा। सारे काम विधि सम्मत होगा। लेकिन श्याम लाल कंवर और शिशु पाल सोरी ने कहा कि मुझे भी पुलिस और प्रशासनिक क्षेत्र में रहकर समझ में आ गया है। कि क्या कुछ होने वाला है। जांच कैसे होती है इसकी हमें समझ है। पुलिस एफआईआर दर्ज करे। इसके बाद जांच करने या नहीं करने की जिम्मेदारी पुलिस की है। एफआईआर दर्ज होने के बाद यदि पुलिस समझती है कि रद्द कर दिया जाए तो कर दे। लेकिन एफआईआर दर्ज करना ही होगा।
सरकार जोगी को बचा रही
पत्रकारों को आदिवासी नेता शिशुपाल सोरी ने बताया कि हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट पर कलेक्टर ने जोगी की जाति प्रमाण को निरस्त कर दिया है। इसलिए जरूरी है कि अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाए। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि अजीत प्रमोद जोगी कंवर जनजाति से नहीं है। इसलिए जोगी पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होने ना केवल आदिवासियों के हक को छीना है बल्कि देश समाज और संविधान को भी धोखा दिया है। कूटरचना कर संवैधानिक पदों पर आदिवासी के नाम पर अधिकारों का गलत उपयोग किया है।
सोरी ने बताया कि प्रदेश का अस्सी लाख आदिवासी समाज न्याय चाहता है। जनता को धोखा देने वाले बाप और बेटों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। सोरी के अनुसार जोगी ने बेईमानी से आदिवासी जाति सर्टिफिकेट बनवाया है। उन्हें संविधान की अच्छी जानकारी है बावजूद इसके उन्होने देशवासियों को धोखा दिया है।
सोरी के अनुसार फर्जी आदिवासी नेता अजीत प्रमोद जोगी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467,488 471 के तहत मामला दर्ज किया जाए। जोगी ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत दण्डनीय अपराध किया है। जब तक अपराध दर्ज नहीं किया जाएगा आदिवासी समाज थाना नहीं छोड़ेगा।
इस दौरान जिला कांग्रेस नेता पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव, राजेन्द्र शुक्ला,शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर,अभय नारायण राय,दिलीप लहरिया,रामदयाल उइके,चुन्नी साहू, महेश दुबे,शेख गफ्फार, शेख नजरूद्दीन, सीमा पाण्डेय,अनिता ल्वात्रे,पंकज सिंह,शैलेन्द्र जायसवाल, सुनील शर्मा,धर्मेश शर्मा चन्द्रप्रदीप वाजपेयी समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद थे। युवा कांग्रेस नेता जावेद मेमन,अरविन्द शुक्ला,अमित दुबे, शिवा नायडू की अगुवाई में कांग्रेस की युवा ब्रिगेड ने भी जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।