कांग्रेसी राज्यों में सेनानियों का अपमान ..सदन में सांसद साव ने उठाया मामला ..कहा.मीसाबन्दियों का लौटाएं सम्मान

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

बिलासपुर/ नई दिल्ली—-गुरूवार को सांसद अरूण साव ने छत्तीसगढ़ में मीसाबन्दियों के साथ सौतेले व्यवहार को लेकर बातों को गंभीरता के साथ पेश किया। लोकसभा अध्यक्ष और सदन को अरूण साव ने बताया कि आजादी के बाद आपातकाल के दौरान लाखों लोकतंत्र समर्थकों को तात्कालीन कांग्रेस सरकार ने जेल की सजा दी। इस दौरान मीसाबन्दियों के परिवारों को प्रताड़ित भी किया गया। एक बार फिर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार लोकतंत्र सेनानियों को अपमानित कर रही है। केन्द्र सरकार से निवेदन है कि लोकतंत्र रक्षकों के सम्मान के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाए।

Join Our WhatsApp Group Join Now

              गुरूवार को सांसद अरूण साव ने मीसाबन्दियों की मांग को सदन में उठाया। अरूण साव ने बताया कि आजादी के बाद  देश में ऐसा भी समय आया जिसे लोग आज भी लोग लोकतंत्र में काला अध्याय के नाम से जानते हैं। इस अध्याय को लोगों ने आपातकाल का भी नाम दिया है।

           सदन में जब साव ने मीसाबन्दियों के मामले को उठाया। उस समय आसन्दी पर विधानसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला मौजूद थे।  साव ने बताया कि आपातकाल में देश के लाखों लोगों को बेवजह जेल में डाल दिया गया। तरह तरह की यातनाएं दी गयी। सदन के कई बड़े नेताओं को भी जेल भेजा गया।  इस दौरान उनके परिवार को प्रताड़ित भी किया गया। कई परिवार बरबाद भी हो गए। बाद में लोकतंत्र की रक्षा में ऐसे लोगों के योगदान को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ सहित देश के सभी भाजपा शासित राज्यों ने  सम्मानित करते हुए लोकतंत्र सेनानी का सम्मान दिया।

                  साव ने सदन को बताया कि राज्यों की सरकार बदलते ही कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र के प्रहरियों को फिर अपमानित करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को फिर से प्रताडित करना शुरू कर दिया है। बल्कि उनके सम्मान को वापस ले लिया है। केन्द्र सरकार से निवेदन है कि छत्तीसगढ़ सरकार पर दबाव बनाए कि लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान ना केवल वापस किया जाए। बल्कि हर संभव मदद भी दी जाए। 

close