.बिलासपुर—एनआईए की विशेष अदालत मे आज तत्कालीन एस.पी.मंयक श्रीवास्तव का दूसरे दिन भी प्रतिपरीक्षण हुआ । झीरम घाटी में परिवर्तन यात्रा के दौरान कांग्रेसी के नेताओ पर हुए हमले से जुडे कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर बयान दर्ज किया गया । बयान के दौरान तत्कालीन एस.पी.मंयक श्रीवास्तव ने बताया की बस्तर मे व्हीआईपी से संबंधित बातों को सुरक्षा के अनुसार ध्यान मे रख कर वायरलेंस या रेडियो मे लोकेशन जारी नही किया जाता है ।
मयंक श्रीवास्तव ने विशेष अदालत मे कहा की परिवर्तन यात्रा में उन्होने प्रदेश कांग्रेस कमेटी से बात नही की थी कि कांग्रेस के कौन-कौन बड़े नेता बस्तर जिले की यात्रा मे शामिल होंगे। प्रतिपरीक्षण मे एस.पी.ने माना की महेन्द्र कर्मा को जेड प्लस सुरक्षा मिली थी जो राज्य की सर्वाधिक उच्चश्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था मे से एक है एस पी जी के अलावा । नंदकुमार पटेल को जेड सुरक्षा और विद्याचरण शुक्ल को एस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी । एक सवाल के जवाब मे एस.पी.ने कहा की वह यह जानते थे कि 23 और 24 मई को महेन्द्र कर्मा परिवर्तन यात्रा मे शामिल होंगे। लेकिन 25 मई को वह शामिल होगे या नही इसके लिए उन्होने तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और विद्याचरण शुक्ल से मुलाकात की थी । जबकि मुख्य परीक्षण के दौरान तत्कालीन एस.पी. ने ऐसे किसी बात का जिक्र नही किया था । प्रतिपरीक्षण मे एस.पी.मंयक श्रीवास्तव ने एक सवाल के जबाव मे बताया की व्हीआईपी सुरक्षा मे लगे फालो गार्ड कंट्रोलरूम के लगातार सम्पर्क मे रहते हैं। एस.पी.भी हमेशा कंट्रोल रूम के सम्पर्क मे होता है । एस.पी.ने कहा की दरभा के झीरम घाटी काण्ड के दौरान दूरी अधिक होने से वायलेस फ्रिक्वेन्सी सिग्नल ठीक से नही मिल रहा था ।