कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में शिक्षकों के लिए किए थे कई वादे,टीचर्स एसोसिएशन ने दिलाई याद ….राज्य स्थापना दिवस पर मांगें पूरी होने की आस

Shri Mi
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रायपुर-छत्तीसगढ़ में 2018 में विधानसभा चुनाव के लिये कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर सत्ता में आने के 10 दिन के भीतर किसानों के कर्ज में तत्काल छूट देने, राज्य में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने, प्रत्येक परिवार को एक रुपये की दर से 35 किलोग्राम चावल देने, घरेलू खपत के लिये बिजली के बिल को आधा करने और 10 लाख बेरोजगार युवाओं को मासिक अनुदान प्रदान करने जैसे लोकलुभावन वादे किये गए थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजनांदगांव जिला मुख्यालय में घोषणा पत्र जारी किया था। इस दौरान गांधी ने बताया था कि छत्तीसगढ़ के 36 लक्ष्यों को कांग्रेस ने घोषणापत्र में शामिल किया है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

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गांधी ने बताया कि घोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार के गठन के 10दिनों के भीतर किसानों के लिए तत्काल ऋण में छूट देने और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कृषि क्षेत्र पर प्रमुखता से ज़ोर देते हुए ​विभिन्नफसलों के लिए एमएसपी तय करना भी शामिल है। धान के लिए एमएसपी 2500 रूपए प्रति क्विंटल और मक्का के लिए 1700 रूपए प्रति क्विंटल देने का वादा किया गया है। घोषणापत्र में 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान भी शामिल किया गया है।

घोषणा पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर राज्य में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएगी। वहीं, बस्तर और सरगुजाजैसे अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को शराबबंदी का अधिकार होगा। राज्य में लोकपाल अधिनियम लागू किया जाएगा और मुख्यमंत्री, मंत्री और सभी अधिकारियों को इसके अधीन लाया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि घोषणा पत्र में कहा गया है किनक्सल समस्या के समाधान के लिए नीति तैयार की जाएगी और वार्ता शुरू करने के लिए गंभीरता पूर्वक प्रयास किया जाएगा।

प्रत्येक नक्सल प्रभावित पंचायत को सामुदायिक विकास कार्यों के ​लिए एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे,जिससे विकास के माध्यम से उन्हें मुख्य धारा में जोड़ा जा सके। राज्य में पत्रकारों, वकीलों और डाक्टरों के संरक्षण के लिए विशेष कानून बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि घोषणापत्र में ​घरेलू खपत के लिए बिजली का बिल आधा करने और शहरी तथा ग्रामीण परिवारों के लिए आवास का प्रावधान और भूमि देने का वादा किया गया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में हर महीने केवल एक रुपये की दर से प्रत्येक परिवार को 35 किलो चावल देने की घोषणा की है। वहीं, घर-घर रोज़गार, हर घर रोज़गार के तहत घोषणापत्र में युवाओं के लिए कायर्क्रम और रोजगार के अवसरों को ​रेखांकित किया गया है।

इसके साथ ही सरकार वित्तीयसहायता के लिए राजीव मित्र योजना के तहत 10 लाख बेरोजगारयुवाओं को मासिक अनुदान का प्रावधान करेगी। राहुल गांधी ने कहा था कि महिला सुरक्षा कांग्रेस के जन घोषणा पत्र की प्राथमिक विशेषताओं में से एक है। इसमें कानूनों का सख्त प्रावधान,विशेष महिला पुलिस स्टेशनों की स्थापना और महिलाओं को प्रत्येक पुलिसस्टेशन में वुमेन सेल देने का प्रस्ताव दिया गया है। वहीं, देर रात की यात्रा के लिए महिलाओं के लिए तकनीक से लैस विशेष वाहनों की व्यवस्था करने की भी घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा था कि जन घोषणापत्र में अल्पसंख्यक समुदायों को उनके हितों की सुरक्षा, नौकरी के अवसरों और व्यापार करने में आसानी के लिए विशेष सहायता के प्रस्तावों के साथ उचित महत्व दिया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि हेल्थकेयर सेवाओं पर जोर देते हुएघोषणापत्र में एक सार्वभौमिक हेल्थकेयर कार्यक्रम की शुरूआत करने काप्रस्ताव रखा गया है, जिसमें आवश्यकतानुसार नि:शुल्क और गुणवत्तापूर्णसेवाएं प्रदान की जाएगी। राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता पर ज़ोर देते हुए शिक्षा प्रणाली में सुधार को घोषणापत्र में प्राथमिक रूप से सूचीबद्ध किया गया है। घोषणापत्र में शिक्षकों के लिए पहले वर्ष में शिक्षाकर्मियों का सम्पूर्ण संविलियन करने की बात कही गयी थी।वहीं दैनिक मजदूरों के लिए एक सम्मानजनक आय सुनिश्चित करना, तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कमर्चारियों की आय में वृध्दि, पुलिस परिवारों को पेंशन में वृध्दि, खेल हॉस्टल की स्थापना, आर्थिक रूप से कमजोर खिलाडियों के लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान शामिल है।

कांग्रेस घोषणापत्र कमेटी के अध्यक्ष टी.एस. सिंहदेव जी के अनुसार छत्तीसगढ़ के 24 जिलों के दौरे के बाद किसानों, महिलाओं, श्रमिक संगठनों, छात्रों, शिक्षकों को शिक्षा विभाग में सम्पूर्ण संविलियन, आदिवासियों, व्यापारियों और डाक्टरों समेत विभिन्न संगठनों और प्रतिनिधियों से बड़े पैमाने पर सुझाव लेने के बाद तैयार किया गया है।इसीलिए पार्टी ने इसे जन घोषणा पत्र की संज्ञा दी थी।
संविलियन से बच गए है लगभग 25000 हजार शिक्षक उन्हें संविलियन की सौगात दीवाली मैं देने की मांग की है।

क्योंकि उन्हें बहुत ही कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है और 3 से 4 महीना हो जा रहा है लेकिन उन्हें पैसों की किल्लतों से जुझना पड़ रहा है जो दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में कहा था कि 2 वर्ष पूर्ण कर चुके सभी शिक्षकों का संविलियन किया जाएगा ।परन्तु अभी तक सरकार ने वायदा नही निभाया पर सरकार से विनम्र आग्रह करते हुये उन्हें दीवाली में संपूर्ण संविलियन की सौगात देने का निवेदन किया है ।

जो शिक्षको को भारी भरकम परेशानी हो रही है अगर सरकार सभी का संविलियन कर देती है तो बेतन की समस्याओं का सम्पूर्ण समाधान हो सकती है क्योंकि बेतन सही समय मे नही मिलने के कारण ही आज शिक्षाकर्मी परेशान है।अगर संपूर्ण संविलियन नही करती है और सीधी भर्ती से शिक्षकों की नियुक्ति करती है तो ये सब एक धोखा व आम शिक्षाकर्मियों के लिए कुठाराघात होगा ।

समय-समय पर शिक्षक एलबी/पंचायत संवर्ग के प्रतिनिधि मंडल ने आज तक सीएम से मुलाकात किया तथा शिक्षकों का संविलियन करने का वादा निभाने की मांग की. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हर बार कहा कि मांग जरूर पूरी होगी बस थोड़ा समय लगेगा।जिस पर सीएम बघेल ने कहा कि “गुरुदेव आप लोग अभी थोड़ा धैर्य रखें, सरकार को आप लोगो की पूरी चिंता है। आप सबकी सारी मांगे पूरी करेंगे पर हमें थोड़ा समय दीजिए।

वही दूसरी ओर वेतन में भारी विसंगति एवं त्रुटिपूर्ण संविलियन से नाराज होकर, प्रदेशभर में कार्यरत 1,09,000 वर्ग-03 के शिक्षाकर्मीयों ने विसंगति मुक्त संविलियन सहित मांगो को लेकर विभिन्न संगठनों ने ज्ञापन से लेकर सौजन्य मुलाकात किया है जिसमें सिर्फ आश्वासन ही मिल पाया इसके अतिरिक्त और कुछ नही।

छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर शुरू से आवाज बुलंद की है। संघ का दावा है कि लगभग साढ़े तीन हजार दिवंगत शिक्षाकर्मियों का परिवार अनुकंपा नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने वेतन विसंगति दूर करते हुए क्रमोन्नति और संविलियन के साथ दिवंगत शिक्षाकर्मी के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है। शिक्षाकर्मी मोर्चा ने कहा है कि सीधी भर्ती के लिए जो अनिवार्य योग्यता तय की गई, वही शिक्षाकर्मियों के आश्रितों के लिए रखी गई है। अर्थात सहायक शिक्षक पंचायत पद के लिए 12 वीं उत्तीर्ण होने के साथ व्यावसायिक योग्यता डीएड और टेट की अनिवार्यता है। जिसके कारण प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के आश्रितों के अनुकम्पा नियुक्ति के लगभग 3500 से भी अधिक प्रकरण लंबित हैं। जिससे उनके परिवार के समक्ष अत्यंत आर्थिक संकट आ चुका है।

संघ का कहना है कि शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को भी प्रदेश के अन्य कर्मचारियों की भांति उनके शैक्षिणक योग्यता के आधार तत्काल अनुकम्पा प्रदान की जानी चाहिए। नियुक्ति पश्चात अनिवार्य व्यावसायिक योग्यता हेतु पर्याप्त समय प्रदान किया जाना चाहिए । शैक्षणिक योग्यता के आधार पर चतुर्थ वर्ग के पदों पर भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। वर्तमान के जटिल नियमों को विलोपित करते हुए अनुकम्पा को विशेष राहत मानते हुए पीड़ित परिवार की तत्काल सहायता की जानी चाहिए।

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By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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