काले हाथी नियंत्रित नही,चले इन्हें नियंत्रित करने,धरमजीत सिंह ने कहा-हारने वाले लगा रहे मरवाही का चक्कर

Chief Editor
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बिलासपुर।काला हाथी तो संभाल नहीं और अब सफेद हाथियों को संभालने चले है खजाना खाली है यह जानते हुए भी की भारी भरकम संसदीय सचिवों की फौज का खर्चा कहां से आएगा।  सरकार को जानकारी होनी चाहिए कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति के बाद खर्च भी होते हैं। यह बातें जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी पार्टी के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष धर्मजीत सिंह ने कही ।जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा कि यदि लेकिन परंतु की बात ही नहीं है की जनता कांग्रेस से  मरवाही विधानसभा से कौन चुना लड़ेगा। विपक्ष की आदत है कयास लगाना। स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मरवाही विधानसभा उपचुनाव में अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ही मैदान में रिकार्ड मतो से चुनाव जीतने उतरेंगे।  

       कांग्रेस नेता धर्मजीत सिंह ने कहा कि जो पार्टी कमजोर होती है वही बार बार चक्कर लगाती है। मरवाही में भाजपा और कांग्रेस कही है नही।  भाजपा और कांग्रेस के नेता अच्छी तरह से इस बात को जानते है। दोनों पार्टियों में आत्मविश्वास की भारी कमी है । क्योंकि उन्हें मालूूूम है कि चुनाव जीत नही रहे है। इसलिए मरवाही  का बार बार रककर लगा रहे हैै।

  जनता कांगेस नेता ने बताया कि अजीत जोगी ना केवल प्रदेश के बल्कि देश के बहुत बड़े नेता थे। छत्तीसगढ़ का पहले मुख्यमंत्री भी बने ।  निधन से मरवाही विधानसभा सीट खाली हुई है। जल्दी ही चुनाव का ऐलान होगा। जाहिर सी बात है पार्टी की तरफ से अमित जोगी ही उम्मीदवार होंगे ।कांग्रेस और भाजपा नेताओं  अंधेरे में तीर चलाने के लिए मजबूर है ।हार को कम करने के लिए ही बार-बार मरवाही विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं ।

धर्मजीत ने कहा कि अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के गौरव हैं ।उन्होंने पहली सांस से लेकर अंतिम सांस तक मरवाही में ही लिया। मरवाही की जनता की सेवा करते करते उन्होंने अपनी सारी उम्र बताया है।  मरवाही की जनता अजीत जोगी रेणु जोगी और अमित जोगी से बेइंतहा प्यार करती है।

  सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेता कितना भी तिकड़म करे  जीत अमित जोगी की ही होगी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा  नाराज लोगो को  खुश करने और मरवाही चुनाव जीतने संसदीय सचिवों की नियुक्ति की जा रही है। लेकिन कुछ हासिल हों वाला नही है। खजाना खाली है,,संसदीय सचिवों के ऊपर खर्च होगा ही । आखिर कहां से आएगा रुपया। सरकार काले हाथी को नियंत्रित नहीं कर पा रही है और अब इन हाथियों को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है।

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