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कोटा रोड पर पेड़ों की कटाई का जश्न:पार्थिव काया को नोंचते गिद्ध

kishor fbबिलासपुर।कोटा रोड पर पेड़ों की निर्मम कटाई शुरू हो गई है।एक तरफ व्यवस्था के जिम्मेदार लोग बारिश के मौसम में पौधे लगाने का लक्ष्य तय कर रहे है वहीं बिलासपुर से कोटा जाने वाली हरी भरी सड़क पर इन दिनों पेड़ों की बेरहमी से कटाई के बाद उनकी मौत का जश्न मनाया जा रहा है।डॉ सीव्ही रामन यूनिवर्सिटी के लिए रोज़ वाहन से गुजरने वाले कलमकार किशोर सिंह ठाकुर ने अब कोटा रोड का मंजर अपने फेसबुक वॉल पर पेश किया है।जिसे अपने पाठकों के लिए हम जस का तस छाप रहे है।
किशोर सिंह का लिखा:-

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पार्थिव काया को नोंचते गिद्ध..

20989193_1443534275734043_3070124973113145712_oसकरी-कोटा रोड़ पर सीना ताने खड़े पेड़ों पर उनके खून से उन्ही के शरीर पर …..मौत के पैगाम की तामिली…. के बाद अब आखिरकार जवान पेड़ों को कत्ल किया जा रहा है, हर दिन एक-एक कर जवान पेड़ की बलि दी जा रही है, लेकिन मंगलवार को बिलासपुर से विश्वविद्यालय आते समय भरनी गांव में पेड़ों के कत्ल करने का नजारा कुछ और ही था, जिसमें पेड़ों की हत्या का एक विभत्स रूप दिखाई पड़ा। जिसमें जवान पेड़ों के सर को धड़ से अलग कर बेदर्दी से का कत्ल किया जा रहा किया। पेड़ों को कत्ल करते हुए प्रशासन के नुमांइदों और गांव के लोगों के चेहरे में पर न कोई दुख, न कोई विलाप और न ही कोई अफसोस दिखाई पड़ा। दिखाई पड़ा…. तो शर्मसार करने वाला, जश्न मनाते लोगों का हुजुम…। जिसमें पेड़ों की पार्थिव काया का लोग गिद्ध की तरह नोंच रहे थे। एक पेड़ों को 10-10 लोग टंगिए से काटते और खींच कर अपने साथ ले जाते नजर आए। हर कोई पेड़ को अपने कब्जे में लेने के लिए बेताब नजर आ रहा था। सभी के चेहरे पर एक अजीब से खुशी थी, जैसे कि उसे इस पेड़ की काया को नोंच कर ले जाने से दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मिल गई हो। शाखाओं, हरी टहनियों, गठिले धड़ और मिट्टी को जकड़ी जड़ को भी लोग पूरे आनंद से काटने में जुटे नजर आए। जिसे जैसा समझ बन रहा था, वो पेड़़ों के टुकड़े करने में लग गया। बच्चे,युवा,बुढ़े और महिला सभी तेजी से इस काम में जुटे हुए थे। जहां पेड़ों के कत्ल का मातम मनाया जाना था वहां उत्सव मनाया जा रहा था, सड़क पर बिखरी पेड़ों की शाखाएं हर राहगीर के वाहन और पैर से टकराकर अपनी जान सलामती की गुहार लगा रही थी, पर पेड़ों की रूदन को सुनने वाला कोई नहीं था। कल भी वहीं होगा…. ये कैसी सरकार है, पौधरोपण कर उसे जन्म उत्सव की तरह मनाती है और बाद में जब पेड़ जवान हो जाते है और समाज को फल,फूल और एक बेहतर वातावरण देने योग्य बनने हैं तो उनका गला रेत कर हत्या कर देती है……

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