पंचायत मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम गरीबी की लड़ाई नही लड़ रहे है तो सामाजिक असंतुलन को जन्म दे रहे है। उन्होंने कहा कि हमे अदम्य साहस के साथ गरीबी के कलंक को मिटाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। श्री चन्द्राकर ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वयं सामाजिक भूमिका तय करनी होगी, ताकि गरीबी की खाई को मिटाकर उन्हें आगे बढा़ने की दिशा में अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर सके।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एम. के . राउत ने कार्यक्रम में बताया कि प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 51 हजार 500 स्व सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन समूहों में लगभग सवा पांच लाख सदस्यों को मिशन के तहत अतिरिक्त आमदानी प्राप्त हो रही हैं। श्री राउत ने बताया कि इन समूहों में से 42 हजार समूहों को बैंक लिंकेज कराया गया है।
पंचायत मंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रचार-प्रसार के लिए परिचायत्मक पुस्तिका (रेडी रेकनर), मिशन वर्ष 2015 के परिपत्रों के संकलन तथा किशोरियों तथा महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए प्रकाशित पुस्तिका ‘मोचो मानगुन’ का विमोचन किया। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एम.के. राउत, संचालक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सी.आर. प्रसन्ना, रायपुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्षीरसागर, सहित वरिष्ठ अधिकारी और स्व सहायता समूहों के सदस्य उपस्थित थे।