

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने बताया कि श्री जोगी को अपने जीवन में दो बार चिकित्सीय आपातकाल के दौर से गुजरना पड़ा है। पहला जब २००४ में महासमुंद लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वे एक भीषण रोड दुर्घटना के शिकार हुए थे और दूसरा जब २००५ में दिल्ली में ब्लड प्रेशर गिर जाने के कारण उनका ह्रदय बराबर काम नहीं कर रहा था। गरियाबंद के समीप हुई रोड दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के पश्चात पहले उन्हें रायपुर लाया गया था और फिर अपातकालीन उपचार प्रदान करने के पश्चात उन्हें बेहतर उपचार के लिए मुंबई शिफ्ट किया गया था। ह्रदय की तकलीफ होने पर सर्वप्रथम उन्हें दिल्ली स्थित उनके निवास के समीप राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया था और प्राथमिक उपचार मिलने के बाद दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल भेजा गया था। दोनों बार ही तत्काल उन्हें अपातकालीन चिकित्सा सेवा प्राप्त हो गयी थी जिसकी वजह से उनकी जान बच पायी थी। दोनों घटनाओं के दौरान उनके अनुभवों के माध्यम से जोगी इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज की महत्वता बताते हुए इन सेवाओं को प्रदेश में और मजबूत किये जाने पर अपने विचार रखेंगे।
श्री नारायणा हॉस्पिटल की तरफ से मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ सुनील खेमका, प्रबंधक द्वय अतुल सिंघानिया व युवराज खेमका और चिकित्सक डॉ प्रीतम अग्रवाल ने गत दिनों श्री जोगी से मिलकर उन्हें इस सम्मलेन में विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉक्टरों को सम्बोधित करने का अनुरोध किया ।क्योंकि गोल्डन ऑवर ऑफ़ इमरजेंसी के दौरान मिलने वाली चिकित्सा सुविधाओं का महत्व लोगों को बताने के लिए वे एक जीवन्त उद्धारण हैं। श्री जोगी ने इस अनुरोध को सहर्ष स्वीकारते हुए कहा कि डॉक्टरों का उनके जीवन में बहुत अहम् योगदान है। इसलिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के बीच अपने अनुभव साझा करते हुए लोगों को आपातकालीन विशेषज्ञों का महत्व बताने में उन्हें ख़ुशी होगी।