हाथियों की घुसपैठ से सैकड़ों किसानो के घर और फ़सल बरबाद हो रहे हैं। मुआवज़ा के नाम पर सरकार जनता के साथ मज़ाक़ कर रही है। ऐसे में इंसान गाँव छोड़कर शहर की तरफ भागने को मजबूर हैं। जोगी ने कहा कि कापू क्षेत्र मानव तस्करी का टापू बन गया है। भोली भाली बच्चियों को काम दिलाने के बहाने मानव तस्कर देह बाज़ार में बेच रहे हैं। जोगी ने कहा कि अपने ही घर में आज इंसान और जानवर बेघर हो गया है।
जोगी ने ग्राम आवाज अभियान में फिर दुहराया कि सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही है। सरकार उद्योगपतियों को महानदी से ४०० किलोमीटर दूर पानी दे सकती है तो यहाँ के किसानो के लिए ४ किलोमीटर दूरी से माँड़ नदी से पानी क्यों नहीं दे सकती। आज करमई जैसे हज़ारों गाँव हैं जो जल स्रोत के करीब होने के बावजूद बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
जमरगीडी गाँव में अमित जोगी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मनरेगा के नाम पर लोगों को मुश्किल से साल में २५ दिन का काम मिलता है। मज़दूरी ३ साल से नहीं मिली है। ऐसे में पलायन के अलावा लोगों के पास कोई रास्ता नहीं बचता है।
अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गांव से उठती ग्राम आवाज़ की आंधी एक दिन तूफ़ान बनकर सरकार को ग्रामीणों की 7 मांगों को मानने के लिए मजबूर करेगी।