छग महिलाएं जंतर मंतर में देंगी धरना…पीएम और मंत्रियों से करेंगी मुलाकात

BHASKAR MISHRA

nandkishorबिलासपुर–छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने एक बार फिर छत्तीसगढ़ियों ने जंग का एलान किया है। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना ने प्रदेश के सभी स्कूलों में छत्तीसगढ़ी माध्यम में पढ़ाई शुरू करने की मांग की है। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की महिलाओं ने दिल्ली स्थित जंतर मंतर मैदान में सत्याग्रह करने का पैसला किया है।

             छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना दिल्ली स्थित जंतर मंतर में धरना प्रदर्शन करेंगी। क्रांति सेना की महिलाएं 19 जुलाई को दिल्ली पहुंच रही हैं। इस दौरान धरना प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग करेंगी। इसके अलावा प्रदेश के सभी स्कूलों में छत्तीसगढ़ी भाषा माध्यम में पढ़ाई शुरू करने की मांग करेंगी।

              वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संयोजक नंदकुमार शुक्ल ने बताया कि सभी कार्यकर्ता एक सप्ताह तक दिल्ली में रहेंगी और प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों से मुलाकात कर अपनी बातों को रखेंगी। इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं के साथ छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संयोजक नंदकिशोर शुक्ल भी मौजूद रहेंगे।

              शुक्रवार को बिलासपुर में क्रांतिसेना के पदाधिकारियों और शुक्ल ने मीडिया को बताया कि छोटे छोटे राज्यों में बोली जाने वाली भाषाएं आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। लेकिन देश में आबादी और क्षेत्रफल में टाप 10 राज्य में शामिल होने के बाद भी छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में अब तक शामिल नहीं किया गया है।

              शुक्ल ने बताया कि सिंधी, उर्दु जैसी कुछ भाषाएं हैं जो किसी भी राज्य की भाषा नहीं है। बावजूद इसके इन भाषाओं को आठवीं अनुसूची का दर्जा हासिल है। लेकिन छत्तीसगढ़ भाषा को राज्य भाषा दर्जा मिलने के बाद भी आठवीं अनुसूची में स्थान नहीं दिया गया है। शुक्ल ने बताया कि सीबीएसई जैसे शिक्षा संस्थानों के प्रमुख से मिलकर दबाव बनाएंगे कि पांचवी तक छत्तीसगढ़ी माध्यम से शिक्षा अनिवार्य करें।

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