बिलासपुर । छत्तीसगढ़ की अस्मिता के लिए डाॅ. खूबचंद बघेल ने जो सपना देखा था। उसके प्रति युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए जोड़ें, तभी यह सपना साकार होगा।संभागीय कमिस्नर सोनमणि बोरा ने रविवार को बिलासपुर में आयोजित डाॅ. खूबचंद बघेल जंयती समारोह में ये बातें कहीं। इस मौके पर श्री बोरा ने समाज एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 5 गणमान्य लोगो को डाॅ. खूबचंद बघेल सपूत सम्मान से सम्मानित किया।
समारोह में संभागायुक्त श्री बोरा ने कहा कि छत्तीगढ़ की अस्मिता के लिए डाॅ. बघेल ने संकीर्णता से उपर उठकर स्वंतत्र चिंतन कर परिभाषित किया है। ऐसे मनीषियों के स्वंतत्र विचारों से युवा पीढ़ी को जोड़ना चाहिए। भारत देश के साथ छत्तीसगढ़ में भी सर्वाधिक युवा पीढ़ी हैं। उन्हें युवाओं को छत्तीसगढ़ की अस्मिता की रक्षा के लिए प्रोत्साहित करे। उन्होने कहा कि ऐसे कार्यक्रम किसी बड़े महाविद्यालय या स्कूल में होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक युवा प्रेरणा ले सकें। श्री बोरा ने कहा कि वर्तमान भौतिकवाद के साथ-साथ युवाओं को संस्कारवान बनाये। इसके साथ ही अपनी संस्कृति से अवगत कराएं। संस्कार देने में माताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होने कहा कि समन्वित प्रयास के साथ विकास हो और हर किसी के चेहरे पर खुशहाली हो तभी छत्तीसगढ़ के अस्मिता को प्राप्त कर पायेगे। मैं के बजाय हम को विशेष प्राथमिकता दे एकता के साथ रहे। धर्म, जाति, भाषा से उपर उठकर चुनौतियों का सामना करते हुए एक विकसित राज्य की कल्पना साकार करे।
इस अवसर पर श्री बोरा ने शिक्षा के क्षेत्र में राम कश्यप, योग प्रशिक्षक राजेन्द्र प्रसाद सोनी, छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति के लिए ध्रुव देवांगन, सामाजिक क्षेत्र डाॅ. कुशल वर्मा एवं छत्तीसगढ़ की संस्कृति के लिए ब्रृजेश साहू को डाॅ. खूबचंद सपूत सम्मान से सम्मानित किया। उन्हे शाल-श्रीफल,प्रतीक चिन्ह एवं पौधे भेंट किये गये।
इस अवसर पर ’’छत्तीसगढ़ के अस्मिता के लिए संघर्ष व समर्पण का प्रर्याय डाॅ. खूबचंद बघेल ’’ संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें संत कवि पवन दीवान, परदेशी राम वर्मा एवं श्यामलाल चतुर्वेदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ की अस्मिता की रक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होकर कार्य करने के लिए विशेष जोर दिए । इस अवसर पर डाॅ. खूबचंद बघेल जंयती समारोह के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।