छत्तीसगढ़ के नए सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर उठने लगे सवाल..संविदा भर्ती में नियमों का पालन नहीं..एम्प्लाइज एसोसिएशन ने जताई आपत्ति

Chief Editor
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रायपुर।प्रदेश में 40 नए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों पर सवाल उठना शुरू हो गए है। इन स्कूलों को में स्वीकृत संविदा कर्मचारियों की स्थिति ठीक वैसी ही हो सकती है, जैसी अविभाजित  मध्यप्रदेश में  पंचायत स्तर पर शिक्षक शिक्षा कर्मियो की हुई थी। पूर्व में संचालन की जिम्मेदारी जिला पंचायत पर थी । अब जिला कलेक्टर की  अध्यक्षता वाली कमेटी के हाथ मे यह जिम्मेदारी होगी। राज्य शासन की इस  योजना पर गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ ने कई बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए एक प्रेस नोट जारी किया है। यह जानकारी देते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने बताया कि सबसे पहले  प्रदेश के मुख्यमंत्री  की स्वर्णिम परिकल्पना पर अधिकारियों ने गुमराह किया है। 27 जिला के  40 अंग्रेजी माध्यम  स्कूल में शिक्षकों व कर्मचारी की संविदा भर्ती नियुक्ति में भर्ती व आरक्षण नियमो को दरकिनार गया है।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप न्यूज़ ग्रुप से जुडने यहाँ क्लिक कीजिये  

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प्रत्येक विद्यालय में  प्राथमिक से हायर सेकंडरी तक कक्षा संचालित होंगी । स्कूल के लिए  40 स्टॉफ़ की आवश्यकता होगी ।  राज्य के कुल 40 विद्यालयो  में  लगभग 1600 कर्मचारियों व शिक्षकों की संविदा भर्ती होगी  ।संविदा भर्ती में विद्यालय को यूनिट बनाने से आरक्षण नियम नहीं  लागू  होगा ।अधिकारियों की सोची समझी चालाकी से पिछड़ावर्ग  ,अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति   प्रतिनिधित्व से वंचित होंगे। नवरंग ने शंका जताते हुए बताया कि  जिस तरह पूर्व में संचालित मॉडल स्कूल (प्रत्येक विकासखंड में एक) जिनकी लागत लगभग 3 करोड़ से अधिक   बेशकीमती जमीन व अधोसंरचना ,आधुनिक तकनीक से निर्मित विद्यालय आज निजी हाथों को सौंप दिया गया है। अंग्रेजी माध्यम का स्कूल उसी साजिश का हिस्सा तो नहीं ?

गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष  नवरंग सिलसिलेवार जानकारी देते हुए बताते है कि कर्मचारियों व शिक्षक का सेटअप की स्वीकृति :राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ ने दी है ।जबकि विद्यालय व विद्यालय में पदस्थ कर्मचारियों का सेटअप स्वीकृति राज्य शासन ,वित्त, व स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन करती है  ।नियमों के मुताबिक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद का काम पाठ्यक्रम निर्माण, प्रशिक्षण ,शिक्षक के गुणवत्ता सुधार हेतु कार्य रहा है। 

नवरंग का कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग   ने  कर्मचारियों व अधिकारियों की संविदा में भर्ती हेतु नियम बना रखे है। अभी तक संविदा भर्ती में भी पिछड़ा वर्ग , SC, ST ,को प्रतिनिधित्व देने , छत्तीसगढ़ लोकसेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 (क्र 21 सन1994) के उपबंध,  संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति में लागू होंगे यह स्पष्ट है।

कर्मचारी नेता  नवरंग ने बताया कि  राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के प्रत्येक विद्यालय में किये गए सेटअप स्वीकृत अनुसार हायर सेकंडरी स्कूल में ब्याख्याता के कुल 11 पदों में 27 जिला के 40 स्कूल हेतु 440 पदों की संविदा भर्ती होगी । जिसे जिला स्तर पर भर्ती करने अधिकृत किया है और कई जिले में विज्ञापन भी जारी कर दिए गए है। अभी तक ब्याख्याता की भर्ती का अधिकार ,लोकशिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग को राज्य स्तर पर है । पूर्व में शिक्षा कर्मी भर्ती में पंचायत राज के तहत जिला पंचायत को अधिकार दिया गया था ।जो अब संविलियन प्राप्त कर लिये है। प्रत्येक विद्यालय में अधोसरंचना, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला के लिए बजट जारी कर निर्माण शुरू कर्मचारियों का वेतन भी अनुदान के रूप सरकार देगी। 

      गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की है कि राज्य के होनहार छात्रों के भविष्य सुधार में गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान करने प्राथमिक से हायर सेकंडरी तक  अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय की स्थापना किया जाना स्वागत योग्य है। सरकार बधाई की पात्र है ।परंतु राज्य के 80 प्रतिशत आबादी में  पिछड़ा वर्ग ,अनु जाति, जनजाति   के होनहार बेरोजगार युवाओं को प्रतिनिधित्व से वंचित करना उचित नहीं है ।

नवरंग का कहना है कि सरकार के इस बेहतरीन प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने में संलग्न अधिकारियो ने ब्याख्याता के राज्य स्तरीय पदों सहित अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को जिला इकाई मानकर भर्ती करना ,सामान्य प्रशासन विभाग ,स्कूल शिक्षा विभाग व पंचायत राज अधिनियम  के विपरीत है ।साथ ही राज्य इकाई के पदों को जिला इकाई मानकर भर्ती करना ,भर्ती व आरक्षण नियम के विपरीत है । उन्होंने निवेदन किया है कि अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में सभी शासकीय नियमों का पालन हों ।

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