बिलासपुर—जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ कार्यकर्ताओं ने पहले दिन ही धारा 144 का विरोध किया। राजपाल के नाम ज्ञापन देकर सरकार पर जनता की आवाज दबाने का आरोप प्रशासन पर लगाया है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि प्रशासन ने बिलासपुर के नेहरु चौक से कलेक्टर कार्यालय तक धारा 144 लागू कर लोकतंत्र का गला घोटा गया है।
जनता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर नेहरू चौक से कलेक्टर कार्यालय तक धारा 144 लगाने का विरोध किया है। जकांछ कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर के खिलाफ ज्ञापन दिया। प्रशासन पर संविधान के विरुद्ध मौलिक अधिकार के हनन का आरोप लगाया ।
जिला कार्यकारी अध्यक्ष संतोष दुबे और समीर अहमद बबला ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय परिसर में स्वतः धारा 144 लागू रहती है। ऐसी कौन सी परिस्थितिया आ गयी कि कलेक्ट्रेट से 200 मीटर तक धारा 144 लागू करने का आदेश दिया गया। जबकि इसकी जद में जिला सत्र न्यायालय जिला पंचायत और कमोजीट बिल्डिंग में अनेक विभाग आते है। यहां ग्रामीण और शहर की जनता परिवार के साथ आती है। धारा 144 लगने पर आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष साजी मैथ्यू और गजेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि धारा 144 के आदेश के बहाने बिलासपुर वासियों की आवाज दबाने की कोशिश की गयी है। जन आंदोलनों से बचने और प्रशासनिक कमियों को छुपाने के लिए तुगलकी फरमान जारी किया है।
जिला प्रवक्ता विक्रांत तिवारी ने बताया कि संविधान के मौलिक अधिकार के खिलाफ जिलाधीश ने फरमान जारी किया है। जो तर्क दिया जा रहा है समझ से परे है। यदि ममता खांडेकर को न्याय दिलाने के लिए आन्दोलन, पूर्ण शराबबंदी के लिए धरना, भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन की जरूरत पड़ी तो धारा 144 के आदेश को बार बार तोड़ा जाएगा।
जनता कांग्ररेस नेताओं ने कहा कि अगर धारा 144 शिथिल नहीं किया जाता है तो इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। इस अवसर पर विकास दुबे, टिकेश प्रताप सिंह, जीतू ठाकुर, बंटी खान समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।