जनआक्रोश रैली—नोटबंदी की अधकचरी रणनीति..अर्थव्यवस्था को धक्का

BHASKAR MISHRA

 IMG-20161128-WA0034IMG-20161128-WA0037बिलासपुर—नोटबंदी अभियान के खिलाफ आज जिला कांग्रेस कमेटी ने रैली निकालकर जनआक्रोश को जाहिर किया। जनआक्रोश रैली को व्यापारियों ने भी समर्थन दिया। रैली शहर के विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए नेहरू चौक पहुंचकर खत्म हुई। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना बनाया। नोटबंदी अभियान को किसान मजदूर और गरीब विरोधी बताया।

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                                   मालूम हो कि 8 नवम्बर को केन्द्र सरकार ने आदेश जारी कर पांच सौ और एक हजार नोट के चलन को बंद कर दिया। सरकार के फरमान का देश की कमोबेश सभी पार्टियों ने विरोध किया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने 28 नवम्बर को देश भर में जनआक्रोश रैली निकालकर नोटबंदी फरमान के विरोध में जन आक्रोश रैली का एलान किया।

                जिला शहर कांग्रेस कमेटी ने भी जनआक्रोश रैली निकालकर मोदी सरकार के फरमान का विरोध किया। रैली को व्यापारियों ने भी समर्थन किया। रैली शहर के विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए नेहरू चौक पहुंची। कांग्रेस नेताओं ने मोदी के फरमान को तुगलकी करार देते हुए भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। केन्द्र सरकार के नोटबंदी अभियान को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बताया।  कांग्रेस नेताओं के अनुसार देश का गरीब किसान खेत खलिहान छोड़कर बैंक की लम्बी लाइन में पिछले पन्द्रह दिनों से खड़ा है। कई लोगों की इस अभियान में मौत भी हो चुकी है। कालाधन कितना आया यह तो किसी को पता नहीं …लेकिन प्रधानमंत्री के चहेते व्यापारियों को जरूर फायदा होता हुआ साफ दिखाई दे रहा है।

                                             जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर ने बताया कि नोटबंदी से आम जनजीवन पूरी तरह से तहस नहस हो चुका है। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है। गरीब और मध्यम वर्ग सुबह से ही बैंक की लाइन में खड़ा है। काम काज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लोग अब अपनी ही राशि को नही निकाल पा रहे है। विदेशों में भारतीय साख को लेकर किरकिरी हो रही है।

            IMG-20161128-WA0033        ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला ने बताया कि नोटबंदी से भारत का जन जीवन लहुलुहान हुआ है। किसान अधिकार यात्रा के दौरान किसानों ने बताया कि आज वे लोग रूपए रूपए के मोहताज है। ऊधारी लेकर बाल बच्चों को पेट भर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी कहते है कि देश की सेवा के लिए गृहस्थ जीवन छोड़ा है। इसलिए उन्होने नोटबंदी अभियान चलाकर गृहस्थ जीवन को ही तोड़ दिया है। राजेन्द्र ने बताया कि जिस व्यक्ति को गृहस्थ जीवन का बोध नहीं वह गृहस्थों की तकलीफ क्या समझेगा। राजेन्द्र के अनुसार पीएम यदि गृहस्थ होते तो बच्चों के स्कूल फीस और आटे-दाल का भाव जरूर होता।

                                वरिष्ठ कांग्रेस नेता जसबीर गुम्बर ने बताया कि केन्द्र में सत्ता पाते ही भाजपा नेताओं का दिमागी संतुलन बिगड़ चुका है। नोटबंदी अभियान को प्रधानमंत्री सैनिकों की शहादत से जोड़ रहे हैं। भारत की जनता बहुत भावुक होती है। मोदी जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड कर रहे हैं। जब जनता को मालूम होगा कि नोटबंदी अभियान से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है। लोग दाने दाने को मोहताज हैं। उसी समय मोदी सरकार को जनता ठिकाने लगाएगी। गुम्बर ने बताया कि व्यापार का बुरा हाल है। बिना सोचे समझे नोटबंदी अभियान चलाना मोदी की अधकचरी राजनीति को जाहिर करता है।

                         संभागीय कांग्रेस अभयनारायण राय ने बताया कि नोटबंदी अभियान से किसी को फायदा हुआ हो या ना हुआ हो…भाजपा नेताओं और चहेत पूंजीपतियों को जरूर फायदा हुआ है। अडानी और अम्बानी के पौ बारह हैं। अडानी और अम्बानी के चार्टेड प्लेन से देश के कोने-कोने में नया नोट पहुंचाया जा रहा है। यह वे लोग हैं जो जनता की खून पसीने की कमाई को दबाकर रखें हैं। सच्चाई तो यह है कि नोटबंदी अभियान से यदि किसी को फायदा हुआ है तो केवल और केवल देश के चंद उद्योगपतियों और भाजपा सरकार के मंत्रियों को।

                                                   जिला कांग्रेस कमेटी की जनआक्रोश रैली में शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला, पूर्व सांसद इंग्रिड मैकलाउड,मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, जसबीर गुम्बर, विजय पांडेय, रविन्द्र सिंह, शेख गफ्फार, सैयद जफर अली, अनिल सिंह चौहान,नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरूद्दीन, पार्षद शैलेन्द्र जायसवाल, अखिलेश चंद्रप्रदीप बाजपेयी, अभयनारायण राय, सुभाष ठाकुर समेत सभी कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए।

सर्वदल ने किया विरोधIMG20161128150926

                     कांग्रेस पार्टी ने  नेहरू चौक पर नोटबंदी अभियान के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी,आम आदमी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समेत अन्य दलों के धरना प्रदर्शन का समर्थन किया। आम आदमी पार्टी नेता आनंद मिश्रा, नंद कुमार कश्यप, ओमप्रकाश गंगोत्री ने मोदी के नोटबंदी अभियान को सरासर देश विरोधी बताया।

                     चिंतक आनंद मिश्रा ने बताया कि नोटबंदी का फैसला बिना सोचे समझे किया गया है। नोटबंदी का असर सबसे ज्यादा किसान और जिला सहकारी बैंक पर हुआ है। किसान अब अपनी ही राशि के लिए दर दर भटक रहा है। जाहिर सी बात है कि इसका असर खेती किसानी पर पड़ना है। आनंद मिश्रा ने बताया कि आरबीआई ने माग के अनुसार किसानों को राशि देने से इंकार कर दिया है। नोटबंदी के पहले किसान सूखा और प्रशानिक नीतियों के चलते परेशान था। तो अब वह मोदी की तुलगकी फरमान का खामियाजा भुगतेगा।

                    आप नेता ने बताया कि जिला सहकारी बैंक का संचालन स्थानीय बॉडी करता है। नोटबंदी के बाद जिला सहकारी बैंक में नोटजमा करने की सुविधा मात्र दो दिन ही थी। राशि बदलने की सुविधा मात्र एक दिन की थी। अब खाताधारक किसान जमा राशि निकालने बार बार बैंक का चक्कर काट रहा है। क्योंकि एक साथ किसानों को जितना धन चाहिए बैंक ने प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार की तानाशाही नहीं तो और क्या है।

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