बिलासपुर— धनिया के किसानों ने स्थानीय केन्द्रीय सहकारी बैंक कैशियर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कैशियर के खिलाफ जिला प्रशासन से तीन सूत्रीय शिकायत पत्र दिया है। किसानों ने बताया कि पिछले तीन सालों से जब से विजय खूंटे की नियुक्ति हुई है। किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। उसे जल्द से जल्द कहीं अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। अन्यथा यदि किसी प्रकार की घटना हो सकती है। जो ना तो किसानों के हित में होगा और ना ही बैंक कैशियर विजय खूंटे के हित में।
जिला कार्यालय पहुंचकर किसान नेता ने बताया कि जिला सहकारी बैंक धनिया का कैशियर ने किसानों को परेशान करनी की सीमा को पार कर दिया है। जब भी कोई किसान बैंक में रूपए लेने जाता है तो कैशियर उनसे कुछ उम्मीद रखता है। उम्मीद पूरी नहीं होने पर बहुत प्रताड़ित करता है। जबकि इस बात की शिकायत किसानों ने पिछली बार भी की थी। लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई।
धनिया के किसान नेता और सरपंच प्रमोद जायसवाल ने अपनी लिखित शिकायत में बताया कि विजय खूंटे जानबूझकर किसानों के पासबुक में एन्ट्री नहीं करता है। किसानों को खाते में जमा रकम की जानकारी भी नहीं देता है। विरोध या शिकायत करने पर विजय खूंटे ना केवल गाली गलौच या अभद्र व्यवहार करता है। बल्कि झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देता है।
प्रमोद ने बताया कि लगातार शिकायत के बाद बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक चतुर्र्वेदी ने जांच रिपोर्ट सीईओ कार्यालय में जमा कर दिया है। बावजूद इसके विजय खूंटे पर कार्रवाई नहीं हुई। यही कारण है कि कैशियर के हौसले बुलंद है। किसानों को जब तब परेशान करने का मौका नहीं छोड़ता है। यदि उसे बैंक से हटाया नहीं गया तो किसान और उसके लिए हितकर नहीं होगा।