जानिए कौन हैं भाजपा से राज्यसभा का टिकट पाने वाले भारद्वाज, लिएसेंबा, रमीलाबेन और डाइमरी

Shri Mi
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सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान,उपभोक्‍ता संरक्षण कानून-1986,उपभोक्‍ता संरक्षण विधेयक-2018 पारित,

नई दिल्‍ली– भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को राज्यसभा (Rajyasabha) की 11 सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए. इसमें कुछ लो प्रोफाइल चेहरे भी शामिल हैं, जिनके बारे में राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा लोग नहीं जानते. अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा, लिएसेंबा महाराजा, बुस्वजीत डाइमरी, भुवनेश्वर कालिता, राजेंद्र गहलोत ऐसे ही चेहरे हैं. बुधवार को भाजपा ने जब राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की तो ऐसे ही कुछ नामों को देख लोग चौंक उठे. सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

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अभय भारद्वाज

बात गुजरात से राज्यसभा टिकट पाने वाले अभय भारद्वाज की करते हैं. अभय भारद्वाज राजकोट के वकील हैं. इनकी पहचान गुजरात सरकार के लिए समय-समय पर कई बड़े केस लड़ने वाले सरकारी वकील की रही है. खंगालने पर पता चलता है कि अभय भारद्वाज चर्चित गुलमर्ग सोसाइटी कांड, भाजपा के पूर्व विधायक जयंती भानुशाली की हत्या, आईएएस अफसर प्रदीप शर्मा आदि मामलों से जुड़े केस में सरकार की तरफ से वकील रह चुके हैं. भाजपा गुजरात इकाई के एक महासचिव ने फोन पर आईएएनस से कहा कि अभय भारद्वाज पार्टी से बहुत पहले से जुड़े रहे हैं, इसलिए उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया गया है.

रमीलाबेन बारा

रमीलाबेन बारा को भी पार्टी ने गुजरात से राज्यसभा का टिकट दिया है. वह गुजरात में पार्टी की आदिवासी चेहरा होने के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. पूर्व विधायक रमीलाबेन आदिवासी विकास विभाग की चेयरमैन भी हैं. 2017 में खेडब्रह्मा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के हाथों 2012 की तरह विधानसभा चुनाव हार गईं थीं.

राजेंद्र गहलोत

राष्ट्रीय स्तर पर राजेंद्र गहलोत की कुछ खास पहचान भले न हो मगर वह राजस्थान में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. वह भैरो सिंह शेखावत सरकार में मंत्री रह चुके हैं. जोधपुर के रहने वाले गहलोत आपातकाल के दौरान जेल जा चुके हैं. हाल में भाजपा में हुए संगठन चुनाव के वह अधिकारी रहे.

डाइमरी

भाजपा ने असम के सहयोगी दल बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट को राज्य की एक राज्यसभा सीट दी है. इस सीट से बुस्वजीत डाइमरी को प्रत्याशी बनाया गया है. बुस्वजीत तीसरी बार राज्यसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. सबसे पहले वह 2008 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे.

लिएसेंबा महाराजा

भाजपा ने लिएसेंबा महाराज को असम की दूसरी सीट से राज्यसभा का टिकट दिया है. लिएंसबा मणिपुर के आखिरी राजा बोधचंद्र के प्रपौत्र हैं. खास बात है कि वह किसी पार्टी से कभी जुड़े नहीं रहे हैं मगर राज परिवार से जुड़े होने के कारण उनका मणिपुर में खास प्रभाव है.

भुवनेश्वर कालिता

भुवनेश्वर कालिता ने अगस्त 2019 में कांग्रेस के राज्यसभा पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था. इस्तीफा देने के वक्त कलीता राज्यसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप भी थे. भुवनेश्वर कालिता ने अनुच्छेद 370 पर पार्टी के रुख का विरोध करते हुए इस्तीफा दिया था. उस वक्त तय हुई शर्त के मुताबिक अब भाजपा ने असम से भुवनेश्वर कालिता को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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