जिला पंचायत पर भारी झलमला सरपंच का फरमान..किया धारा 144 का खुला उल्लंघन..अधिकारियों ने कहा..होगी जांच

BHASKAR MISHRA
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झलमला ग्रामपंचायत की बैठक
बिलासपुर—– कोरोना काल में शासन के निर्देश के बाद प्रदेश समेत बिलासपुर जिले में भी लाकडाउन के के साथ धारा 144 लागू है। लोगों को संक्रमण से दूर रखने जिला प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि धारा 144 के दौरान किसी तरह की बैठक, सम्मेलन या भीड़भाड़ वाली गतिविधियों पर प्रतिबन्ध रहेगा। लेकिन झलमला ग्राम पंचायत सरपंच को इससे कोई मतलब नहीं है। निर्देशों और नियमों को ताक पर रख सरपंच ने वह सब कुछ किया जिसे शासन ने प्रतिबन्धित किया है।
 
                जिले के मस्तूरी विकासखण्ड ग्राम पंचायत झलमला में शुक्रवार को शासन के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गयी। लॉकडाउन के दौरान सरपंच सूर्यवंशी ने पंचायत की बैठक आयोजन किया। 95 हजार रूपए के लिए प्रस्ताव भी पारित कराया। बैठक में उप सरपंच पुरुषोत्तम साहू समेत 15 में से 12 पंचों ने भी हिस्सा लिया। सचिव लखन सिंह ने बैठक की कार्यवाही को विधिवत अंजाम भी दिया। यह जानते हुए भई कि लॉकडाउन के दौरान बैठक का आयोजन पूरी तरह से प्रतबंधित है।
 
            बताते चलें कि बैठक में बाज़ार संचालन,राशन दुकान,स्कूल परिसर स्थित हैण्डपम्प में सबम्सरीबल पम्प लगाने,राजीव गांधी सेवा केंद्र में पानी टँकी, नाली सफाई के लिए प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि पंचायत भवन के लिए फर्नीचर क्रय किया जाना जरूरी है।
 
जिला प्रशासन पर भारी पंचायत का फैसला
 
जानकारी हो कि पंचायत चुनाव के करीब महीने बाद ही कोरोनो वायरस प्रकोप को देखते हुए सरकार ने पूरे देश में एक साथ लॉकडाउन का एलान किया। सरकार ने स्पष्ट किया कि लाकडाउन के दौरान लोगों को संक्रमण से दूर रखने जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों की बैठक नहीं होगी। जिला और जनपद पंचायत ने तो  शासन के निर्देशों को गंभीरता से लिया लेकिन झलमला पंचायत ने निर्देशों की अनदेखी करते हुए ना केवल बैठक का आयोजन किया। बल्कि धारा 144 की धज्जियां भी उडाई है। 
 
        यह जानते हुए भी कि जिला प्रशासन ने पंचायतों को स्प्ष्ट निर्देश भी दिया है कि जरूरत पड़ने पर पंचायत सचिव और सरपंच रायशुमारी के बाद 14 वें वित्त फण्ड से राशि का आहरण कर स्वच्छता और प्रवासी मजदूरों समेत ग्रामीणों की आजीविका की व्यवस्था कर सकेंगे। हालात ठीक होने पर एक प्रस्ताव के माध्यम से हिसाब किताब पेश करेंगे।
 
नाली सफाई के बाद 15 दिन में लाया गया प्रस्ताव
 
पंचायत के सरपंच और उपसरपंच ने दबंगाई दिखाते हुये पंचायत विभाग के आदेश के बगैर पहले तो गांव की नालियों की आधी अधूरी सफाई सफाई कराई गई बाद में उसी कार्य का जनपद सीईओ मस्तूरी को अंधेरे में रखकर गांव में नाली सफाई,फर्नीचर खरीदी तथा गांव में सेनेटाइजरिंग करने के नाम पर 95 हजार रुपया के आहरण पर आदेश लिया बाकायदा 50 हजार रुपये आहरण भी कर लिया गया अब 15 दिन बाद उसी नाली सफाई और सेनेटाइजरिंग के नाम का प्रस्ताव किया गया है जो कि नियम विरुद्ध है।
 
 तीन पांचों ने किया बैठक का बहिष्कार
 
                 झलमला पंचायत में कुल 15 पंच है। इनमें तीन पंचों ने बैठक का बहिष्कार किया। बैठक का बहिष्कार करने वाले तीनों पंचों  ने सचिव को पत्र लिखकर कहा कि शासन ने कोरोना संक्रमण स्थिति को ध्यान में रखते हुए बैठक नहीं किए जाने का निर्देश दिया। बावजूद इसके बैठक का आयोजन किया जा रहा है। सचिव बताएं कि क्या शासन से बैठक की अनुमति ली गयी है। सचिव ने जवाब में कहा कि बैठक को लेकर शासन ने नया कोई आदेश नहीं जारी किया है। जानकारी के बाद तीनों पंचों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
 
अधिकारियों ने कहा बैठक की अनुमति नहीं
 
                    बैठक की जानकारी पर विकासखण्ड कोरोना नोडल अधिकारी तहसीलदार मनोज खाण्डेय और जनपद सीईओ डिप्टी कलेक्टर अजीत पुजारी ने आश्चर्य जाहिर किया। अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन और धारा 144 की अवधि में बैठक आयोजित नही किए जाने का निर्देश है। शासन ने अभी तक ऐसा कोई आदेश भी जारी नहीं किया है। झलमला में बैठक नियम और निर्देशों के खिलाफ है। जांच कराएंगे और सख्त कार्रवाई भी करेंगे। 
 
जानकर भी बैठक में शामिल हुआ सचिव
 
            ग्राम पंचायत सचिव लखन सिंह ने बताया कि बैठक को लेकर शासन का अभी तक  कोई नया आदेश नहीं आया है। बावजूद इसके सरपंच के दबाव में बैठक का आयोजन किया गया। प्रस्ताव लाया गया। लेकिन राशि देने से इंकार कर दिया हूं। क्योंकि प्रस्ताव में जिस काम के लिए राशि की मांग की गयी है। वह फिलहाल गैरजरूरी है।
 
पचास हजार का काटा चेक..अब किया मना
         
          ग्राम पंचायत सचिव ने बताया कि लाकडाउन के दौरान शासन का स्पष्ट निर्देश है कि प्रवासी मजदूरों. जरूरत मंदों समेत साफ सफाई के लिए राशि का आहरण किया जा सकता है। इसके लिए तत्तकाल किसी प्रकार की बैठक की जरूरत नहीं है। सरपंच की मांग पर 50 हजार का चेक दिया जा चुका है। इसमें 35 हजार राशि नाली सफाई और अन्य साफ सफाई अभियान में खर्च हुआ है। बैठक में फर्नीचर के लिए 35 और सेनेटाइिंग के लिए 25 हजार रूपयों की मांग के साथ कुल 95 हजार रूपयों की मांग की गयी है। जबकि अभी सरपंच को दिए गए 50 हजार में से 15 हजार रूपये बचे है। मैने फिलहाल चेक काटने से मना कर दिया है।    
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