बिलासपुर—-अमित जोगी ने धान खरीदी में आधार कार्ड की अनिवार्यता का विरोध किया है। जोगी ने सरकार पर किसान विरोदी होने का भी आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि किसानों पर रोज नए-नए नियम थोपे जा रहे हैं। जबकि उन्हें अभी तक न तो धान का समर्थन मूल्य और ही बोनस दिया गया है।
जोगी ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही निर्देश दिया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता आवश्यक नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को आधार कार्ड का इस्तेमाल मनरेगा, पेंशन स्कीम, ईपीएफओ और प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत करने की स्वैच्छिक इजाजत दी थी।आधार कार्ड के इस्तेमाल के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
जोगी ने कहा कि इसी वर्ष जुलाई माह में राज्यसभा में भी विपक्ष ने इस मसले को उठाया था। केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए कहा था कि नागरिकों को जारी किया गया विशिष्ट पहचान संख्या या आधार कार्ड सरकारी लाभ उठाने के लिए अनिवार्य नहीं है। बावजूद इसके किसानों पर आधार कार्ड को जबरदस्ती थोपा जा रहा है। ज्यादातर किसानों का अभी तक आधार कार्ड नहीं बना है। ऐसे किसान अपनी फसल को बेचने कहां जाएंगे। जोगी ने बताया कि इससे जाहिर होता है कि सरकार जानबूझकर ऐसे नियम ला रही है कि किसानों को बिचौलियों के पास जाने के लिए विवश किया जाए।
जोगी ने समर्थन मूल्य में धान खरीदी प्रक्रिया में आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म करने को कहा है। किसानों से उनका धान खरीदा जाए और किए गए वादों के तहत 2100 रुपए समर्थन मूल्य और बोनस 300 रुपए प्रति क्विंटल दिया जाए।