रायपुर।प्रदेश में किडनी व्यापार रायपुर में सरकार के नाक के नीचे लगातार जारी है, दूरस्थ अंचलों के गांवों में सरकार शासकीय स्वास्थ्य शिविर के नाम पर शिविर लगाती है। स्वास्थ्य शिविर में शामिल बिचैलिया भोले-भाले ग्रामीणों को स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड से निःशुल्क ईलाज का प्रलोभन देकर रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करते हैं जहाँ रायपुर के कुछ निजी अस्पताल स्मार्ट कार्ड का पैसा हड़प रहे हैं, साथ ही मरीज की किडनी भी निकाल रहे हैं।जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि दिनांक 26 मार्च को कांकेर जिले के पखांजूर के गोविन्दपुर PV15 में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें आये अनेक लोगों ने अपने स्वास्थ्य की जांच करायी। जांच के पश्चात जांच दल ने 15 मरीजों को ईलाज के लिये रायपुर रिफर किया, जिसमें मरीजों ने हाथ की हड्डी में दर्द, गठिया रोग, घुटने में दर्द की शिकायत की।
जांच दल में उपस्थित रायपुर के एक निजी अस्पताल के व्यवस्थापक श्री एस.के. मंडल ने उन्हें रायपुर में ईलाज स्मार्ट कार्ड से निःशुल्क करने एवं लाने व छोड़ने की निःशुल्क व्यवस्था करने की बात की। बुधवार दिनांक 28/03/2018 को इनको रायपुर के निजी अस्पताल में 2 मरीजों का शुगर लेवल अधिक होने के कारण 13 मरीजों का आपरेशन किया गया। हाथ,घुटना दर्द, गठिया रोग के ईलाज के नाम पर मरीजों के एबडोनल में चीरा के दाग हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से जानना चाहा है कि जब मरीज को हाथ दर्द, घुटना दर्द एवं गठिया रोग के ईलाज की आवश्यकता थी तो फिर एबडोनल, कमर के नीचे एवं पीठ में चीरा लगाने की आवश्यकता क्यों पड़ी? निजी अस्पताल ने इन गरीब मरीजों के स्मार्ट कार्ड से 40,000 से 50,000/- तक की रकम इन छोटे रोगों के लिये क्यों निकाली गई?
अजीत जोगी ने कहा कि पूरे प्रदेश में स्मार्ट कार्ड से ईलाज के नाम पर बेजा पैसा निकालने की अनेक शिकायतें लंबित हैं। सरकार ने जानबूझकर ऐसी शिकायतों को जांच के नाम पर लंबित रखा है। किसी भी मामले पर आज तक किसी प्रकार की बड़ी कार्यवाही न होना सरकार एवं निजी अस्पताल के बीच सांठगांठ की ओर ईशारा करता है।
डा. रमन सिंह की सरकार में अधोसंरचना के नाम पर भ्रष्टाचार तो आम है, अब लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर भ्रष्टाचार कर रही है। इसके पूर्व भी शासकीय स्वास्थ्य शिविरों में नसबंदी काण्ड, गर्भाशय काण्ड एवं नेत्रकाण्ड हो चुके हैं। अब सरकार के नाक के नीचे किडनी निकालने का काण्ड आरम्भ हो चुका है।