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झीरम घाटी…सुरक्षा में हुई भारी चूक

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बिलासपुर—परिवर्तन यात्रा के दौरान नक्सली हमले मे कांग्रेस के शीर्ष स्तर के नेताओं की मौत हो गयी थी। मामले में एनआईए का प्रतिपरीक्षण बिलासपुर के पुराने हाईकोर्ट में चल रहा है। घटना से जुडे अधिकारियों की आज तीन लोगों का प्रतिपरिक्षण हुआ। विशेष अदालत में एस.पी. अजय यादव, तत्कालीन एएसपी एस.आर. सलाम और पीएसओ कुंवर पाल सिंह का बयान दर्ज किया गया। जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच मे सुनवाई हुई । प्रतिपरीक्षण के दौरा कई अहम बाते सामने आयी है।

                         दरभा के झीरमघाटी मे परिवर्तन यात्रा के दौरान नक्सलियों के हामले में 25 से अधिक कांग्रेसी नेता मारे गये थे । राज्य सरकार ने मामले मे तत्काल कार्रवाई करते हुए बस्तर के एस.पी. निलंबित कर दिया था । इसके बाद एसपी अजय यादव को बस्तर जिले का पुलिस कप्तान बनाया गया। आज जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अदालत में एस.पी. अजय यादव की गवाही हुई। अजय यादव ने बताया की बस्तर एस पी नियुक्त होने के बाद उन्होने जांच से जुडे मामलो का जिम्मा एडिश्नल एस.पी एस.आर. सलाम को सौंपा था। चूंकि परिवर्तन यात्रा के दौरान सुरक्षा अधिकारी सलाम ही थे । इसलिए वे इस मामले में बेहतर काम कर सकते थे । जांच प्रभावित ना हो इस कारण उनकी काबलियत को ध्यान में रखते हुए  जांच का जिम्मा सौंपा गया था । एस पी अजय यादव के बाद पीएसओ कुवर पाल सिंह का बयान भी दर्ज हुआ। कुंवर पाल सिंह ने अपने बयान मे बताया की घटना के बाद उन्हे वारदात स्थल पहुंचने के लिए कहा गया । वे काफी देर से पहुंचे क्योंकि उन्हे जो गाड़ी मिली थी उसकी स्थिति अच्छी नही थी । जिसके चलते  घटना तक पहुंचने में उन्हें ज्यादा समय लग गया।

झीरमघाटी  काण्ड मे एडिश्नल एसपी एस आर सलाम की गवाही सबसे प्रमुख थी। सलाम तत्कालीन समय परिवर्तन यात्रा के सुरक्षा प्रभारी थे । सुदीप श्रीवास्तव के सवालो के सामने एस आर सलाम उलझे नजर आये । इस दौरान सलाम किसी भी सवाल का जवाब ठीक से नही दे पाए । पूर्व की गवाही मे स्वास्थ्य खराब होने के कारण सलाम उपस्थित नही थे। आज गवाही के दौरान झीरमघाटी से जुडे कई राज से पर्दा उठा । एक सवाल के जवाब मे सलाम ने कहा कि परिवर्तन यात्रा सुरक्षा की तमाम तैयारिया पूरी कर ली गयी थी । इसके लिए 16 अप्रैल के बाद आई जी बस्तर के कार्यालय मे सीआरपीएफ और बीएसएफ के बीच व्यवस्था को लेकर चर्चा भी हुई थी।

                          20 मई 2013 को परिवर्तन यात्रा के निरस्त होने के बाद इस मामले मे कोई चर्चा नही हुई । बस्तर मे सीआरपीएफ की चार बटालियन तैनात है। छत्तीसगढ सशस्त्र बल बटालिन का हेडक्वार्टर परपा थाने के पास तैनात है। यह स्थान जगदलपुर और दरभा के बीच मे पडता है । जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अदालत में सुनवाई के दौरान एडिश्नल एसपी एस.आर.सलाम ने बताया कि 20 मई को सुरक्षा के लिए फोर्स लगाई गयी थी । जिसे बाद मे हटा लिया गया था।  इसके मुख्य कारण परिवर्तन यात्रा को निरस्त कर दिया गया था। झीरमघाटी मामले मे सुनवाई के बाद सुदीप श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया की परिवर्तन यात्रा के दौरान सुरक्षा मे भारी चूक हुई थी। लगातार गवाही के बाद धीरे-धीरे सारे मामले सामने आ रहे हैं ।

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