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टॉकिंग टेबलेट से दूर हुआ पिंकी की जिंदगी का अँधेरा,बीए की पढ़ाई में अब रुकावट नहीं

alimco_indexराजनांदगांव।राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ शहर की दृष्टिबाधित होनहार छात्रा कुमारी पिंकी चंदेल अब अपनी बीए की पढ़ाई टॉकिंग टेबलेट से करेगी। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सामर्थ्य विकास योजना के तहत कुमारी पिंकी चंदेल को विगत दिनों कलेक्टर  भीम सिंह ने टॉकिंग साफ्टवेयर लोडेड टेबलेट प्रदान किया। टॉकिंग टेबलेट पाकर दृष्टिबाधित पिंकी का आत्मविश्वास बढ़ गया और अब उसकी आगे बिना किसी परेशानी के पढ़ने की इच्छा भी पूरी हो गई है। पिंकी ने इस टॉकिंग टेबलेट के लिए कलेक्टर  भीम सिंह सहित छत्तीसगढ़ सरकार को भी धन्यवाद दिया है।

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                             पिंकी चंदेल गरीब परिवार की दृष्टिबाधित होनहार छात्रा है। इनके पिता  गजेन्द्र सिंह डोंगरगढ़ के भगत सिंह चौक पर सेलून की दुकान चलाते है। पिंकी डोंगरगढ़ के शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यलय में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है। पिंकी बताती है कि बचपन से ही कम दिखने की बीमारी से ग्रसित थी। धीरे-धीरे उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनकी आंखों की रौशनी भी कम होती गई और अब पूरी तरह से दिखना बंद हो गया है। जिसके कारण किताबे पढ़ने और लिखने में भी वे अक्षम हो गई है। पिंकी ने कामर्स विषय के साथ डोंगरगढ़ के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल से 63 प्रतिशत अंकों से बारहवीं की कक्षा उत्तीर्ण की है। पिंकी अभी ब्रेल लिपि में अपनी पढ़ाई करती है। अब पिंकी को टॅाकिंग टेबलेट मिल जाने से विषय को सुन-सुन कर तैयार करेगी। पिंकी ने बताया कि अब जिस विषय की भी पढ़ाई करनी हो उसे टॉकिंग टेबलेट के समक्ष मात्र बोलने से ही वह पूरा विषय पढ़कर सुना देता है।

                                इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्री भावे ने बताया कि पिंकी की तरह ही जिले के 10 दृष्टिबाधित होनहार विद्यार्थियों को यह टॉकिंग टेबलेट उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होने बताया कि इसके लिए कॉलेज स्तर के तीन विद्यार्थियों को चयनित किया जाएगा।

                                  विभाग के उप संचालक ने बताया कि यह टॉकिंग टेबलेट भारत सरकार के संस्थान एलिम्को द्वारा विशेष रूप से दृष्टिबाधित विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए विकसित किया गया है। बाजार में इसकी कीमत साढ़े 12 हजार रूपए है, परन्तु सामर्थ्य विकास योजना के तहत इसे हितग्राही को निःशुल्क प्रदान किया जाता है। इस टेबलेट में पहले से ही शैक्षणिक पाठ्यक्रम को अपलोड कर दिया जाता है। जिससे बोलने पर शब्दों को पकड़कर यह टेबलेट दृष्टिबाधित विद्यार्थी को पूरा पाठ्यक्रम आवाज के रूप में बोलकर सूना देता है।

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