बिलासपुर–अभी कुछ महीने पहले की ही बात है कि हाईकोर्ट का निर्माणाधीन अकादमिक भवन ताश के पत्ते की तरह ढह गया। मलवे में फंसकर एक मजदूर की मौत हो गयी। 18 लोग गंभीर और सामान्य रूप से जख्मी हुए। कारणों की जांच अभी जारी है। डीवी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक दीपक और विकास महतो को श्रम विभाग ने लापरवाही के मद्देनजर नोटिस भी जारी किया था। बावजूद इसके डीवी प्रायवेट लिमिटेड अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहा है। मजदूर आज भी बिना सिक्यूरिटी के काम कर रहे हैं।
अकादमिक भवन की सिलिंग ढहने की घटना अभी बहुत पुरानी नहीं है। बावजूदू इसके डीवी मैनेजमेंट गलतियों से सबक लेने को तैयार नहीं है। मजदूर अभी भी असुरक्षित काम कर रहे हैं। ड्रिलिंग का काम हो या सन्टरिंग का सभी जगह सुतरक्षा मानकों को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह जानते हुए भी बहुत बड़ी घटना एक बार हो चुकी है। घटना में एक मजदूर की मौत और करीब डेढ़ दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
अकादमिक भवन के निर्माण स्थल पर सीजी वाल ने पाया कि एक मजदूर बिना सेफ्टी बेल्ट ड्रिल का काम कर रहा है। किसी भी मजदूर के सिर पर ना तो हेलमेट है और ना ही अन्य किसी प्रकार की सुरक्षा इंतजाम ही है। सीजी वाल संवाददाता को देखते ही डीवी प्रायवेट लिमिटेड के इंजीनियर ने मजदूर को तत्काल सेफ्टी बेल्ट लगाने का निर्देश दिया। इतना ही नहीं अकादमी भवन में ऊंचाई पर काम करने वाले किसी भी मजदूर को सुरक्षा मानकों को अपनाते नहीं पाया गया । मैनेजमेंट के एक कर्मचारी ने बताया कि हादसा हमेशा नहीं होता है। कभी कभी बड़े निर्माण कार्यों में ऐसी घटना हो जाती है। लेकिन हमेशा हो..ऐसा नहीं है।
बहरहाल डीवी प्रायवेट कंंपनी के अधिकारियों ने हादसे से अभी तक कोई सबक नहीं लिया है। हां… डीवी कंपनी के इंजीनियर ने बताया कि अकादमिक भवन के अलावा एक अन्य निर्माणाधीन हॉस्टल कुल 13 करोड़ में बनाया जा रहा है। कंपनी ने बजट बढ़ाने के लिए आवेदन किया है। निर्माण कार्य में बजट कुछ बढ़ गया है। अप्रोच रोड के अलावा मैदान और अन्य गतिविधियों में अतिरिक्त करोंड़ों का खर्ज आएगा। शासन ने भी सकारात्मक बजट बढ़ाने का संकेत दिया है।