तारीख़ तय होने से पहले मरवाही में बढ़ी सरगर्मी…

Chief Editor
8 Min Read

बिलासपुर(रुद्र अवस्थी)।बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है । उम्मीद की जा रही थी कि बिहार की चुनाव की तारीखों के साथ ही विधानसभा उपचुनाव की तारीखें भी तय हो जाएंगी । चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में संकेत मिले हैं कि 29 सितंबर को तारीख घोषित हो सकती है । इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की मरवाही विधानसभा सीट के उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो सकता है । इधर मरवाही इलाके में चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ गई है । प्रदेश में सरकार चला रही कांग्रेस पार्टी के नेताओं के दौरे लगातार हो रहे हैं । पोलिंग बूथ स्तर पर कांग्रेस के लोगों को सक्रिय करने के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाए गए । जिसमें मुख्यमंत्री के सलाहकारों ने भी ट्रेनिंग दी । कांग्रेस ने मरवाही विधानसभा क्षेत्र को चार जोन में बांटकर इसकी जिम्मेदारी भी अपने नेताओं को सौंप दी है.सीजीवाल न्यूज के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

Join Our WhatsApp Group Join Now

भाजपा के नेता भी दौरा कर चुके हैं । इसी तरह जोगी कांग्रेस नेता ने अमित जोगी ने मरवाही इलाके में बिजली की समस्या को लेकर आमरण अनशन किया । जिसके बाद इस समस्या के निराकरण के लिए मरवाही बिजली फीडर को मनेंद्रगढ़ से जुड़ने की पहल की गई । उधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मरवाही से सटे गौरेला और पेंड्रा नगर पंचायतों को नगर पालिका का दर्जा देने का ऐलान कर दिया । इससे लगता है कि कांग्रेस पार्टी विकास के मुद्दे को अहमियत दे रही है । साथ ही यह संदेश भी देने की कोशिश हो रही है कि कद्दावर नेता के प्रतिनिधि चुने जाने के बाद भी विकास के काम नहीं हुए । जिससे यह इलाका पिछड़ा रह गया । गौरेला- पेंड्रा नगर पंचायत को नगर पालिका का दर्जा देने के ऐलान से यही संदेश देने की कोशिश की गई है कि मरवाही के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है । वह इसके ज़रिए इलाके के लोगों का भरोसा जीतना चाह रही है । अब चुनाव नतीजों से यह साफ हो सकेगा कि कांग्रेस के प्रति लोगों का कितना विश्वास बढ़ा है ।

आईपीएल के नाम पर सट्टे बाज़ी……

कोरोना काल में आईपीएल के मैच शुरू होने के साथ ही सट्टे का कारोबार भी बढ़ गया है । रोज एक तरफ यह खबर मिलती है कि आईपीएल मैच में बाजी किसने ज़ीती, किसने कितने रन बनाए और कितने विकेट लिए…….। दूसरी तरफ यह खबर भी सुर्खियों में रहती है कि आईपीएल के नाम पर सट्टा पट्टी लिखते कितने सटोरिए पकड़े गए है । वैसे तो सट्टे के कारोबार से जुड़े लोग हर एक मुकाबले को अपने दायरे में लाकर सट्टेबाजी के लिए उसका इस्तेमाल करते हैं । लेकिन आईपीएल में यह अधिक देखने को मिल रहा है । जिससे लगता है कि आईपीएल में इस क्रिकेट मुकाबले में सट्टेबाजों की दिलचस्पी अधिक है । देखने में यह भी आता है कि पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद सट्टेबाज अपनी हरकतों को अंजाम दे जाते हैं और रोज इसकी खबरें सुर्खियों में रहती हैं । इंतजाम ऐसा होना चाहिए कि क्रिकेट के नाम पर इस तरह के कारोबार पर स्थाई रूप से रोक लग सके ।

हवाई सेवा की मांग पर सभी दल एकजुट…

छत्तीसगढ़ के शहर जगदलपुर से हवाई सेवा फिर शुरू हो गई है । इसके साथ ही बिलासपुर को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए सक्रियता भी बढ़ी है । कुछ दिन पहले ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने बिलासपुर- भोपाल हवाई सेवा शुरू करने का ऐलान किया था । उसके बाद से ही लोगों में एक तो यह जिज्ञासा है कि बिलासपुर से भोपाल हवाई सेवा कब शुरू होगी ….? इसके साथ ही यह मांग भी जोर पकड़ रही है कि बिलासपुर को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता ,बेंगलुरु जैसे महानगरों से जोड़ने के लिए भी हवाई सेवा शुरू की जाए । इसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र भी लिखा है । बिलासपुर के सांसद अरुण साव ने भी हाल ही में लोकसभा सत्र के दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की और बिलासपुर को मेट्रो शहरों के साथ हवाई सेवा से जोड़ने की पुरजोर वकालत की । जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सांसद अरुण साव की इस मांग को गंभीरता से सुना । साथ ही आने वाले समय में इस पर विचार करने का भरोसा दिलाया है । काफी अरसे के बाद किसी मुद्दे पर सभी पार्टियों की राय एक नजर आ रही है और बिलासपुर के विकास के मुद्दे पर सभी एकजुट दिखाई दे रहे हैं। बिलासपुर में हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने भी लंबा आंदोलन किया और सभी को एक मंच पर लाकर दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर एकजुट करने की पहल की थी । इसकी झलक दिखाई दे रही है और आने वाले समय में कामयाबी मिलती है तो बिलासपुर के लोगों के संघर्ष को एक बार फिर श्रेय मिल सकेगा ।

सिम्स की सर्जरी

बिलासपुर में छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान ( सिम्स) की व्यवस्था को लेकर खबरें अक्सर सुर्खियों में रही हैं । इस सिलसिले में सिम्स की व्यवस्था में सुधार को लेकर पहले काफी हलचल हो चुकी है । हाल ही में प्रदेश सरकार की ओर से पूरे सिस्टम की एक सर्जरी भी की गई । जिसके तहत सिम्स के जिम्मेदार पदाधिकारी हटाए गए । ख़बरे आईं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश पर सिम्स के डीन और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को हटाया गया है । साथ ही सिम्स की बदहाली को दूर करने के लिए पन्द्रह दिन का वक़्त दिया गया है। ऐसी नई व्यवस्था कायम करने की कोशिश की जा रही है , जिससे लोगों को इस संस्था से सहूलियत मिल सके और उनकी उम्मीदें पूरी हो सकें। । कोरोना काल में जिस तरह स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत लोगों को है ,उसमें यह जरूरी समझा जा रहा है कि सिम्स जैसी संस्था पर लोगों का भरोसा बढ़े और यह जन उपयोगी भी हो सके । हालांकि सिम्स की बदहाली पर अपनी नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि सिम्स की व्यवस्था में एकमात्र सर्जरी से बहुत बड़े परिवर्तन की उम्मीद नहीं की जा सकती । यह संस्था लोगों के लिए मददगार हो और जरूरतमंदों को समय पर इलाज मिल सके इसके लिए पूरे सिस्टम पर सतत निगरानी जरूरी है और जो लोग भी इसे सुधारना चाहते हैं , उन्हे काम पूरा होने तक मोर्चे पर डटे रहना होगा।।

close