बिलासपुर— श्रम एवं कल्याण खेल मंत्री भैयालाल रजवाड़े आज पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि जांजगीर चांपा समेत आस पास के 22 से अधिक मजदूर मलेशिया में काम करते हैं। जानकारी के अनुसार उन्हें वहां काफी परेशान किया जा रहा है। सभी मजदूर किसी प्लास्टिक बनाने वाली कंपनी में काम करते हैं। वे सभी लोग लौटना चाहते हैं। रजवाड़े ने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मजदूरों को जल्द ही वापस लाने की बात कही है।
एक प्रश्न के उत्तर में भैयलाल रजवाड़े ने बताया कि पलायन रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नसबन्दी से प्रभावित महिलाओं के बच्चों के स्वास्थ्य और रोगकार के लिए श्रम विभाग हर संभव मदद दिया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट को लेकर प्रदेश सरकार लगातार योजनाएं ला रही है। कौशल विकास उन्ययन के माध्यम से कुशल और अकुशल मजदूरों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जा रहा है।
भैयालाल रजवाड़े ने एक सवाल के जवाब में बताया कि मजदूरों के लिए प्रदेश सरकार गांधी जयंति से प्रदेश के ब्लाक में श्रम सुविधा केन्द्र का शुभारंभ किया जाएगा। बिलासपुर में बृहस्पति बाजार में इस योजना के तहत श्रमिक प्रतीक्षालय का निर्माण कराया जाएगा। रजवाड़े ने बताया कि श्रम सुविधा केन्द्र से संगठित और असंगठित मजदूर यहां पहुंचकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन के साथ यूनिक पीएफ नम्बर और यूनिक श्रमिक पहचान कार्ड भी दिया जाएगा।
रजवाड़े ने बताया कि श्रम विभाग के जरिए अभी तक विभिन्न 12 योजनाओं के तहत 38 हजार से अधिक मजदूरों को लाभान्वित किया जा चुका है। इसी प्रकार असंगठित 11 हजार मजदूरों को लाभ मिल चुका है। पत्रकार वार्ता के दौरान मंत्री ज्यादातर सवालों का जवाब बाद में देने की बात कही।
पत्रकारों से बातचीत के बाद मंत्री रजवाड़े डीआरएम और एसईसीएल के अधिकारियों से मुलाकात कर दैनिक जीवन में आने वाली सामान्य समस्याओं को लेकर बातचीत की। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां मानवरहित क्रासिंग है वहां फाटक लगाने और लोगों को परेशान करने से बेहतर है कि एक कर्मचारी फाटक पर नियुक्त किया जाए। इससे लोगों को रोजनगार के साथ सुरक्षा भी मिलेगी। इस दौरान श्रम विभाग के सभी अधिकारी उपस्थित थे।
पत्रकार वार्ता के बीच मंत्री रजवाड़े ने मलेशिया स्थित भारतीय दूतावास के कमिश्नर राजू आहिरे से मोबाइल से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने बताया कि कमिश्नर के अनुसार जांजगीर के सभी मजदूर आवश्यक खानापूर्ती के बाद दस दिन के भीतर हिन्दुस्तान भेज दिये जायेंगे।