कलेक्टोरेट सभाकक्ष मंथन में आज कलेक्टर जेपी मौर्य ने टाइम लिमिट बैठक के दौरान सभी अधिकारियों का दूध पिलाकर स्वागत किया। महिला बाल विकास विभाग से अांगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पिलाए जाने वाले दूध को सभी अधिकारियों ने पिया। ऐसा कर कलेक्टर मौर्य ने बीजापुर घटना के बाद स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता का विश्वास बहाल करने का प्रयास किया। टाइम लिमिट बैठक की शुरूआत आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को पिलाए जाने वाले दूध से हुई। कलेक्टर समेत सभी अधिकारियों को दूध का वितरण किया गया।
प्रभारी कलेक्टर जे पी मौर्य ने बताया कि मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर के बीजापुर में अमृत योजना का दूध पीने से बच्चों की मौत हो गई है। खबर के बाद आंगनबाड़ी केन्द्रों के परिजन डरे हुए हैं। बच्चों को दूध पीने के लिए मना कर दिया है।जानकारी मिली है कि बच्चों को केन्द्र भेजने से डर रहे हैं। ऐसे में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए सभी अधिकारी केन्द्रों में जाकर ना केवल अमृत योजना का दूध पी रहे हैं। बल्कि आज अधिकारियों ने एक साथ निर्णय लिया कि बैठक में वही दूध पिया जाए जिसे आंगनबाड़ी केन्द्रों में दिया जाता है।
मौर्य ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र के सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत दी गई है कि जो बच्चे दूध नही पीना चाहते उनसे जबरदस्ती नहीं की जाए। दूध औैर केंद्र के अन्य कार्यों की जानकारी बैनर बनाकर केन्द्र में रखे। मौर्य ने बताया कि केन्द्र में मैंगो,पाइन एपल,इलायची और बनाना फ्लेवर का दूध वितरण होता है। आज जो भी फ्लेवर लाया गया उसका हमने स्वाद लिया…अब दूसरे फ्लेवर का भी स्वाद बच्चों के साथ लेंगे।