जोगी ने कहा कि क्षेत्र में रहने वाले सभी आदिवासियों ने वन अधिकार पट्टा के लिए आवेदन किया है। मामला अभी विचाराधीन है। बावजूद इसके आदिवासियों की झोपड़ियों को जलाना न्याय नहीं है। बरसात सिर पर है…बेघर आदिवासी अब कहां जाएंगे। छत्तीसगढ़ राज्य के लिये शर्मनाक घटना है। भ्रष्टाचार के दलदल में गरदन तक धंसी सरकार के आला अधिकारी अब पूरे मामले को रफादफा करने एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
जोगी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सभी आदिवासी परिवारों को तत्काल आवास उपलब्ध कराते हुये पांच.पांच लाख रूपये की सहायता दी जाये। घटना के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा से तत्काल बर्खास्त किया जावे।