नईदिल्ली।थल सेनाध्यक्ष के ‘सही नेतृत्व’ वाले बयान पर मची रार के बीच केंद्र सरकार देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के नाम की घोषणा 31 दिसंबर को कर सकती है. चेयरमैन ऑफ चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के बैटन के हस्तांतरण के अलंकरण समारोह को इसी दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था. इससे पहले यह कार्यक्रम शुक्रवार को होना तय था, लेकिन अंतिम क्षणों में इसे स्थगित करना पड़ा था. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्हें ही यह बैटन नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह को शुक्रवार को सौंपना था जो अब आगामी 31 तारीख को किया जाएगा.
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीओएससी में सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख शामिल होते हैं. इनमें से वरिष्ठतम अफसर को रिटायर होने तक बारी-बारी चेयरमैन नियुक्त किया जाता है. चूंकि विगत 24 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने सीडीएस पद को मंजूरी दे दी, अब इस पद के लिए सबसे ऊपर जनरल बिपिन रावत का नाम चर्चा में है. गौरतलब है कि कारगिल समीक्षा समिति ने देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सिफारिश की थी. 1999 में कारगिल युद्ध के समय देश की सुरक्षा प्रणालियों व रणनीति में खामी की समीक्षा के लिए बनाई गई थी और यह माना गया था कि समन्वय के लिए एक एकीकृत सैन्य सलाहकार होना चाहिए.
देश का पहला सीडीएस एक चार सितारा जनरल के तौर पर अपने तीन सेना प्रमुखों जितना ही वेतन-भत्ते पाएगा, लेकिन उसका तीनों सेनाओं के अभियानों पर पूरा नियंत्रण होगा. इस तरह से सीडीएस समान रैंक के सैन्य अफसरों में सबसे ऊपर होगा. वह सीओएससी का स्थाई अध्यक्ष होगा और रक्षा मंत्रालय में नए सैन्य विभाग का प्रमुख होगा.