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नन्हें बच्चों का रोल माडल..दिव्यांग रूपचरण..दोनों पैर को बना दिया हाथ.. फिर..सरकार ने भी किया नायक का सम्मान..पढ़ें रूपचरण की पूरी कहानी

भाटापारा—दुनिया में ऐसा शयाद ही कोई हो…जिसे बिना संघर्ष लक्ष्य हासिल हुआ हो। क्योंकि जीवन का फलसफा ही है कि सकारात्मक पहल और स्वस्थ सोच के साथ किए गए प्रयासों को ही लक्ष्य हासिल होता है। फिर चाहे बाधाएं किसी भी प्रकार की और कितनी ही क्यों ना हो। यदि इंसान ने सच्चे मन से निश्चित कर लिया है तो उसे मंजिल मिलकर ही रहेगी।
 
        जी हां ऐसा ही एक उदाहरण भाटापारा में देखने को मिला है। जो आज प्रदेश शिक्षा जगत में चर्चा का विषय बन चुका है। धुन के पक्के और व्यक्तित्व के धनी ग्राम बिटकुली भाटापारा जिला बलौदा बाजार निवासी रूपचरण ऊर्फ सुनील मरावी बचपन ने वह कर दिखाया..जिसकी कल्पना हम या तो रूपहले पर्दे पर करते हैं या फिर कहानियों में पढ़ते हैं।
 
           जानकारी हो कि लाकडाउन के दौरान शासन ने बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने पूरे प्रदेश में पढ़ई तुंहर द्वार अभियान चला रहा है। अभियान में सरकार की अपील में तमामा सामुदायिक संगठन बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इसमें एक रूपचरण मरावी ऊर्फ सुनील और तीन साथी भी शामिल हैं। जो इन दिनों पूरे प्रदेश में ना केवल चर्चा का विषय हैं..बल्कि शिक्षा जगत में रोल मॉडल भी बन गए हैं। 
 
 कौन है रूपचरण..कितनी शिक्षा
 
                     दोनों हाथ से दिव्यांग रूपचरण के किस्से अब भाटापारा की सीमा को पार कर अब राजधानी के रास्ते पूरे प्रदेश की गलियों में सुनाई जा रही है। संकुल समन्वयक अखिलेश गिरी गोस्वामी, प्रोफेशनल लर्निंग कमिटी बिटकुली प्राचार्य रमेश वर्मा, सचिव अभिलाष तिवारी ने बताया कि सरल सहज रूपचरण बचपन से ही दोनों हाथ से दिव्यांग हैं। उन्होने स्थानीय संकुल से पढ़ाई खत्म करने के बाद बिल्हा  कॉलेज से स्नातक और सीएमडी  महाविद्यालय बिलासपुर से एमए संस्कृत की डिग्री को पूरा किया। इतना ही बिना हाथ के उन्होने कंप्यूटर में  डिप्लोमा भी किया। कई प्राइवेट संस्थानों में अपनी सेवाएं दी। रायपुर स्थित माल में पार्किंग व्यवस्था को  संभाला। लाकडॉउन के बाद रोजगार नहीं होने की सूरत में घर लौट आए। लॉकडाउन अवधि में उन्होने शाला प्रबंधन से संपर्क किया। कुछ अलग करने का निश्चय लेते हुए शिक्षा के माध्यम से सेवा के कार्य की बात कही। और अब रूपचरण ग्रामीण बच्चों के शैक्षणिक उन्नयन में अपना योगदान दे रहे हैं।
 
दोनो हाथ से दिव्यांग..लेकिन बच्चों का रोल मॉडल
 
                बताते चले कि बलौदा बाजार जिला में कलेक्टर सुनील जैन और जिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव के मार्गदर्शन में पढ़ाई तुहर द्वार अभियान के तहत ऑनलाइन और वैकल्पिक माध्यम से बच्चो में शिक्षा का प्रयास जारी  है। बिटकुली प्राथमिक स्कूल की प्रधान पाठक शोभा वर्मा बताती हैं कि रूपचरण और उनके साथी अभियान में बढ़चढ़कर हिस्सादारी निभा रहे हैं। मायनों में समाज की सेवा कर रहे हैं। सीधा लाभ बच्चो को मिल रहा है। कक्षा पांचवी तक के बच्चों को गणित ,विज्ञान, अंग्रेजी और अन्य विषयों को पढ़ा रहे हैं।
 
                   शोभा वर्मा ने ने बताया कि तीन भाई और तीन बहनों के बीच  रूपचरण दूसरे नम्बर के हैं। बचपन से ही दोनों हाथ से विकलांग हैं। बावजूद इसके उन्होने अपनी की को ताकत बनाया। और प्रदेश शिक्षा जगत में ऐसा कर ईबारत लिख दिया। रूपचरण बलौदाबाजार जिले के बिटकुली गाँव के रहने वाले हैं। दोनो हाथ से दिव्यांग बेरोजगार नवयुवक है। लेकिन दोनों पैर से बोर्ड पर फर्राटे के साथ लिखना पढ़ना करते हैं। आज रूपचरण बच्चों के रोलमाडल बन गए हैं। 
 
               कोरोना काल में स्कूल बंद होने के बाद रूपचरण  गाँव के बच्चों को व्यर्थ घूमने से ना केवल रोकते हैं। बच्चों को समझाते हैं कि चुनौती को अवसर में बदलें। दिव्यांग रूपचरण रोज गाँव के बच्चों को एक जगह एकत्रित कर स्वेच्छा से पारा मोहल्ला क्लास ले रहे हैं। मजेदार बात है कि बच्चे भी बिना नागा रोज क्लास पहुंचते हैं।
 
               लाकडाउन के दौरान चर्चा में आए रूपचरण ने बताया कि कमजोरी को उन्होने कभी भी खुद पर भारी नहीं होने दिया। 
 
                खंड शिक्षा अधिकारी अमरसिंह, नोडल अधिकारी भास्कर देवांगन ने बताया कि रुपचरण मरावी का कार्य समाज के लिए प्रेरणा स्रोत और अनुकरणीय है। कोरोना महामारी के समय शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सामाजिक भूमिका का निर्वहन करते हुए दोनों हाथ से दिव्यांग रूपचरण  पढ़ई तूहर द्वार अभियान की यात्रा में हमेशा के लिए ऐतिहासिक बना दिया है।
 
हमारे नायक..रूपचरण मरावी
 
             विकासखण्ड  मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी और शाला प्राचार्य ईश्वर देवदास ने रूपचरण और उनके साथियों के प्रयासों की दिल से तारीफ करते हैं। उन्होने कहा कि हम उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। ईश्वरदास ने कहा कि हमारे नायक श्रृंखला अंतर्गत राज्य की वेबसाइट सीजी स्कूल वेब पोर्टल में बलौदा बाजार के मुकद्दर के सिकंदर शीर्षक से रूपचरण मरावी की प्रेरणात्मक कार्यों को राज्य के शिक्षकों और बच्चों के अनुकरण के लिए प्रकाशित किया गया है।

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