बिलासपुर—मनरेगा मजदूरी भुगतान नहीं होने से नाराज महमंद पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणो ने सरपंच और सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया । नाराज ग्रामीणों ने बिलासपुर रायगढ़ हाईवे को दो घंटे तक हाईजेक कर लिया। आवागमन व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई। सड़क पर वाहनो की लम्बी कतारे लग गयी। चक्काजाम की जानकारी लगते ही तोरवा पुलिस मौके पर पहुंच किसी तरह ग्रामीणो को समझाइस देकर आवागमन को दुरूस्त किया।
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ग्रामीणों ने बताया कि पिछले आठ महीने से मनरेगा का बकाया भुगतान नही किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि महमंद सरपंच नीरज राय और सचिव गया टंडन उन्हें लगातार गुमराह कर रहे हैं। पिछले साल अप्रेल मई में तालाब और पुराने तालाब का गहरीकरण कार्म करवाया गया था। लेकिन आज तक उसका भुगतान नहीं हुआ। उन्हें जानकारी मिली कि आज सुबह सचिव गया टंड़न और सरपंच नीरज राय ने कुछ ग्रामीणो को बुलावाकर गुपचुप तरीकेे से लगभग दो से ढाई लाख रूपये बांटे है। लेकिन हम लोगों को डांटकर भगा दिया।
ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि महमंद के लोग सचिव और सरपंच की मनमानी से तंग आ चुके हैं। जब तक उन्हें मजदूरी क भुगतान नहीं किया जाता है वे चक्काजाम को बहाल नहीं होने देंगे। ग्रामीणों ने इस दौरान सरपंच और सचिव को भी हटाने की मांग की। जाम के चलते सड़क पर वाहनो की लम्बी कतारे लग गयी। तोरवा थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मनरेगा का भुगतान पन्द्रह दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने चक्का जाम खत्म किया। इस दौरान ग्रामीणों ने पन्द्रह दिनों के अन्दर मनरेगा भुगतान समेत सरपंच और सचिव को नहीं हटाने पर चक्काजाम की चेतावनी दी।
ो मालूम हो कि महमंद सरपंच नीरज राय और सचिव के खिलाफ श्मशान भूमि बेचने, नियमित रूप से पेंशन नही मिलने समेत नवनिर्मित मकान निर्माणकर्ताओं से वसूली की शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की थी। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के माध्यम से नायब तहसीलदार नरेन्द्र बंजारा ने जांच रिपोर्ट भी पेश कर दिया है। तहसीलदार के प्रतिवेदन पर अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में धारा 40 की कार्यवाही चल रही है। सरपंच को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया है।