बिलासपुर– आज निगम सामान्य सभा में कांग्रेस की रणनीति में भाजपा ऐसे उलझी की उसे केवल शोर मचाने से ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ। सभा शुरू होते ही कांग्रेस पार्षद दल के नेता नजरूद्दीन ने एमआईसी से पास सभी एजेन्डा को चंद मिनटों में समर्थन देकर जनसमस्याओं पर चर्चा की मांग की। सभापति ने भी मांग को स्वीकार करते हुए सभी पार्षदों को जन समस्या पर विचार रखने को कहा। लेकिन इसी बीच तैयब हुसैन ने निगम आयुक्त के खिलाफ सभापति को ज्ञापन सौपते हुए हटाने की मांग की। उन्होने कहा कि यदि आयुक्त को पन्द्रह दिन के भीतर नहीं हटाया जाता है तो निकाय अधिनियम और अधिकारों का उल्लंघन मानकर कांग्रेस हाईकोर्ट जाने के लिए तैयार बैठी है।
सभापति से अनुमति मिलने के बाद पार्षद तैयब हुसैन ने बारी बारी से निगम की कार्यप्रणाली को सामने रखा। उन्होने कहा कि निगम आयुक्त को निगम के कार्यों में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस दौरान उन्होंने तमाम ऐसे कार्यो और विकास संबधि गतिविधियों का लिखित जिक्र किया जिसमें भारी अनियमितिताएं बरती गयी हैं। तैयब ने कहा कि महाराण प्रताप सड़क में सरकारी धन की लूट हुई है। आरटीआई को निगम आयुक्त तवज्जों नहीं देती। ईमलीपारा स़डक निर्माण में भारी अनियमितता बरती गयी है। जवाब मांगने पर आय़ुक्त दुर्व्यवहार करती हैं।
तैयब ने कहा कि मेरे साथ उन्होंने कभी अच्छा व्यवहार नहीं किया। इसकी मुख्य वजह सिर्फ इतना है कि मैने जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता के हितों का जवाब मांगा। तैयब ने बताया कि आयुक्त का अधिकारियों से भी अच्छा व्यवहार नहीं है। चंद अधिकारी पर उनकी दया दृष्टि है। इसके चलते निगम का वातावरण खराब हुआ है।
तैयब ने बताया कि हर तरफ अराजकता का माहौल है। बड़ी ही चालाकी से अपनी बातों को रखते हुए तैयब और कांग्रेस ब्रिगेड ने कहा कि यदि जनप्रतिनिधियों और आम जनता की बातों को सुना नहीं जाता है तो हम आयुक्त को हटाने का प्रस्ताव लाते हैं। तैयब हुसैने ने कहा कि बिलासपुर की जनता महसूस करती है कि आयुक्त की कार्यप्रणाली संदेहास्पद है। कर्तव्यों के संपादन में असमर्थ हैं। यह दुराचरण की श्रेणी में आता है। इसलिए कांग्रेस पार्षद दल मांग करता है कि नगर पालिक अधिनियम 1956 अध्याय चार धारा 56 के उपधारा दो के तहत निगम आयुक्त को हटाया जाए।
तैयब और कांग्रेस पार्षदों ने सामुहिक रूप से सदन में ही सभापति को लिखित ज्ञापन देकर पावती लिया। साथ ही उन्होने कहा कि यदि पन्द्रह दिन में कार्यवाही नहीं होती है तो कांग्रेस को हाईकोर्ट का सहारा लेना होगा।
कांग्रेस पार्षदों ने ज्ञापन को मुख्यमंत्री,निकाय मंत्री मुख्य सचिव ,निकाय प्रशासन विभाग,संभागायुक्त ,कलेक्टर महापौर ,सभापति के नाम भेजा है।