रायपुर । स्थानांतरण नीति के विरुद्ध किए गए तबादलों से असंतुष्ट कर्मचारियों के अभ्यावेदन वरिष्ठ सचिवों की समिति के समक्ष पिछले 3 महीने से निर्णय के लिए लंबित है । इस समिति के निर्णय की उम्मीद में प्रदेश के सैकड़ों कर्मचारी पदांकित स्थानों पर कार्यभार नहीं ग्रहण नहीं किए हैं । छत्तीसगढ़ प्रदेश वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पी आर यादव ने समिति के अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव आरपी मंडल को ज्ञापन प्रेषित कर कर्मचारियों के अभ्यावेदनों पर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है ।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश पर शासन ने स्थानांतरण नीति के उल्लंघन के प्रकरण के विरुद्ध अभ्यावेदनों की सुनवाई के लिए वरिष्ठ सचिवों की समिति का गठन किया है । इस समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव आरपी मंडल की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति का गठन किया गया है । जो नियम विरुद्ध स्थानांतरण के विरुद्ध प्राप्त आवेदनों पर निर्णय लेगी । किंतु इस समिति की एक बैठक आज तक नहीं हुई है । श्री यादव ने बताया कि 3 महीनों तक चले तबादलों से लगभग 15 हज़ार अधिकारी व कर्मचारी प्रभावित हुए हैं । जिनमें से 2 हज़ार कर्मचारियों ने सचिवों की समिति को अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है । इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की शरण में भी गए कर्मचारियों के द्वारा भी अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया है । स्थानांतरण नीति एवं नियमों के विरुद्ध स्थानांतरण से क्षुब्ध अनेक कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय की शरण ली है और बड़ी संख्या में कर्मचारियों को न्यायालय ने राहत प्रदान की है ।उनके स्थानांतरण पर स्थगन आदेश दिया है । इन कर्मचारियों के अभ्यावेदन भी सचिवों की समिति के समक्ष विचाराधीन हैं । कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पीआर यादव ने शासन को प्रेषित ज्ञापन में चेतावनी दी है कि दीपावली के पश्चात शीघ्र निर्णय नहीं होने पर स्थानांतरण से प्रताड़ित कर्मचारियों का आंदोलन राजधानी में किया जाएगा ।