बिलासपुर–अल्टरनेटिव चिकित्सकों ने जिला प्रशासन से क्लिनिक बंद अभियान पर रोक लगाने की मांग करने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। लेकिन कार्यालय में कोई अधिकारी नजर नहीं आया। निराश होकर अल्टरनेटिव चिकित्सकों को वापस लौटना पड़ा। मालूम हो कि जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा ने झोला छाप डाक्टरों की कई क्लिनिक को सील कर दिया है।
शनिवार को छत्तीसगढ़ अल्टरनेटिव सर्व सेवा समिति के पदाधिकारी और अल्टरनेटिव चिकित्सकों ने रैली निकालकर क्लिनिक सील किये जाने का विरोध किया है। अल्टरनेटिव चिकित्सकों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग के कार्यवाही का जमकर विरोध भी किया । डा. नफीस खान ने बताया कि अल्टरनेटिव चिकित्सकों की याचिका हाईकोर्ट में दाखिल है। अल्टरनेटिव चिकित्सक भी नर्सिंग एक्ट में शामिल होना चाहते हैं। बावजूद झोलाछाप डाक्टर बताकर अल्टरनेटिव चिकित्सकों की क्लिनिक को सील किया जा रहा है। जिला प्रशासन से हमारी गुहार है कि कम से कम हाईकोर्ट के निर्णय आने तक कार्रवाई को बंद किया जाए।
मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दो दिनों में शहर की कई क्लिनिक को सील कर दिया है। कार्रवाई का अल्टरनेटिव चिकित्सकों ने विरोध किया है। समिति के पदाधिकारी डॉ आर के गौराहा ने बताया कि अल्टरनेटिव चिकित्सा को नर्सिंग होम एक्ट में शामिल नही किया गया है। मामले को लेकर हाईकोर्ट सुनवाई चल रही है। उम्मीद है कि निर्णय भी जल्द हो जाएगा। इसलिए हाईकोर्ट का निर्णय आने तक अल्टरनेटिव चिकित्सकों को प्रैक्टिस की अनुमति दिया जाना चाहिए।
अच्छी खासी संख्या में जिला कार्यालय गुहार लगाने पहुंचे अल्टरनेटिव चिकित्सकों को निराश होकर वापिस होना पड़ा। छुट्टी होने के कारण कलेक्ट्रेट कार्यालय में कोई अधिकारी नही था। समिति के सदस्यों ने बताया कि यदि उनकी आवाज को नहीं सुना गया तो वे लोग आंदोलन करेंगे।