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नईदिल्ली।चुनाव आयोग लगातार पार्टी नेताओं को हिदायद दे रहा है कि वह आचार संहिता का उल्लंघन न करें. पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्यूनतम आय योजना पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की टिप्पणी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा भारतीय सेना को ‘मोदीजी की सेना’ कहे जाने पर निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर राजनीतिक दलों, उनके नेताओं और उम्मीदवारों के लिए हिदायतनामा जारी किया है. आयोग ने ये हिदायतनामा के तहत ये बातें कही हैं.सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
आयोग का हिदायतनामा
- कोई भी उम्मीदवार या नेता किसी जाति धर्म या आस्था के नाम या आड़ में वोट या समर्थन नहीं मांगेगा.
- जाति-धर्म में वैमनस्य या नफरत फैलाने वाले बयान नहीं देगा.
- उम्मीदवार, नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन को चुनावी राजनीति में नहीं घसीटेगा. जब तक उस विवाद का चुनाव से लेना देना ना हो.
- विपक्षी नेता, कार्यकर्ता या परिजनों के खिलाफ अपुष्ट आरोप नहीं लगाएगा.
- चुनावी सभा, एकत्रीकरण या भाषण के लिए मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, समाधि या दरगाह जैसे धार्मिक स्थल या परिसर का इस्तेमाल नहीं करेगा.
- किसी भी रूप में सेना, अर्धसैनिक बल से जुड़े प्रतीक, नारों या तस्वीरों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा.
बता दें कि पहले भी आयोग ऐसी हिदायतें जारी कर चुका है, लेकिन जिस तरह से नेता बर्ताव कर रहे हैं उसे देखते हुए एकबार फिर निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के नाम ये हिदायतनामा जारी किया है. लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) की घोषणा होते ही देश में आचार संहिता लागू हो जाती है. इस दौरान चुनाव की सूचिता बनाए रखने और निष्पक्ष प्रक्रिया के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होती है.
जिसके तहत सरकार और सभी राजनीतिक पार्टियां बंधी हुई होती हैं. चुनाव आचार संहिता मजबूत ढंग से लागू हो, इसके हर नियम का पालन हो और आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके इसके लिए निर्वाचन आयोग कदम उठाता है.