हमार छ्त्तीसगढ़

नॉन घोटाले पर बढ़ी सरगर्मी

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non ghotala

रायपुर । सोमवार से शुरू हुए हफ्ते के पहले दिन तीन खबरें चर्चा में रहीं। इत्तफाक से तीनों खबरें छत्तीसगढ़ में हुए नॉन घोटाले को लेकर हैं। और लगता है कि इन खबरों को लेकर आगे भी माहौल में गरमारहट रहेगी।

इस सिलसिले में एक खबर तो यह है कि नॉन मामले की जाँच कर रहे एसीबी की ओर  से आरोपी बनाए गए छत्तीसगढ़ सरकार के दो अफसरों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति प्रदेश सरकार ने दे दी है। उस समय़ काद्य विभाग के प्रमुख सचिव रहे डा. आलोक शुक्ला और एमडी अनिल टुटेजा के खिलाफ एसीबी ने आईपीसी की दफा 109,120  बी,420 और 409 के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओँ के तहत उन पर अभियोजन चलाने की अनुमति प्रदेश सरकार ने दे दी है। जबकि इन अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अबियोजन की अनुमति के लिए अनुशंसा केन्द्र सरकार को भेजी गई है।

नॉन के मुद्दे पर सोमवार को विधानसभा सत्र   के पहले ही दिन काफी हंगामा हुआ। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चर्चा की  मांग लगातार की । लेकिन सत्तापक्ष ने यह कहकर चर्चा नहीं होने दी कि , यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जिसे लेकर सदन में हंगामा होता रहा।

इससे जुड़ी एक अहम खबर सोमवार को यह भी आई कि नॉन घोटाले की जाँच सीबीआई से कराने की अपील के साथ सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। यह याचिका छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र पाण्डेय ने पेश की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता वीरेन्द्र पाण्डे को एक हफ्ते  के भीतर दस्तावेज पेश करने कहा है।

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इस तरह की खबरों ने नॉन तो लेकर छत्तीसगढ़ में चल रही हल-चल को और बढ़ा दिया है। जानकारों का मानना है कि  इसकी धमक आने वाले दिनों में भी बनी रह सकती है।

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