न्याय को दिखना होगा..होना पर्याप्त नहीं…

BHASKAR MISHRA
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IMG_20160224_153224बिलासपुर– देश के 22 शहरों में न्याय की अलख जगाने के बाद आज फोरम ऑफ जस्टिस का काफिला बिलासपुर शहर पहुंचा। मुंगेली नाका चौक में काफिले का स्वागत कांग्रेस नेताओं और अन्य संगठनों ने किया। स्वागत सत्कार के बाद नेहरू चौक पर न्याय यात्रा के पदाधिकारी और कांग्रेस नेताओं ने आम जन को संबोधित किया। इस मौके पर वर्तमान स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए नेताओं ने कहा कि आम लोगों में न्यायिक प्रक्रिया को लेकर चिंता है। न्याय में देरी सबसे बड़ा अन्या है।

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                              नेहरू चौक पर आयोजित न्याय यात्रा के आमसभा को फोरम के कार्यकर्ताओं के अलावा कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव,संभागीय कांग्रेस प्रवक्ता अभयनारायण राय,शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर,नेता प्रतिपक्ष नगर निगम शेख नजरूद्दीन और अन्य लोगों ने संबोधित किया। नेताओं ने कहा कि आज लोगों में न्याय के प्रति विश्वास धीरे-धीरे कमतर होते दिखाई दे रहा है। जनता परेशान है। हमेशा देखने में आया है कि न्याय पाने के लिए पीढियां बदल जाती है। लेकिन न्याय नहीं मिलता है। यदि मिलता है भी तो वह भी संवैधानिक प्रक्रिया के आधार पर अन्याय है।

            उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि सही समय पर न्याय मिलना ही न्याय की श्रेणी में आता है। आज हालत बद से बदतर व्यक्ति धक्के पर धक्का खाता है। बावजूद इसके उसे न्याय नहीं मिलता है। देश में न्यायाधीशों की भारी कमी है। अपराध का ग्राफ बढ़ा है। न्यायालयों में फरियादियों  की शिकायत हिमालय से भी ऊंचा हो गया है। बावजूद इसके तंत्र इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

                          फोरम के सदस्यों और कांग्रेस नेताओं ने बताया कि अकेले छत्तीसगढ़ में ही न्यायाधीशों की भारी कमी है। इसी तरह देश की अन्य अदालतों में भी न्यायधीशों की कमी के चलते फरियादियों को पीढ़ी दर पीढ़ी भटकना पड रहा है। सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है। यदि उसके मंसूबे साफ हों तो हिमालय से ऊंची हो गयी शिकायतों को चंद सालों में निपटाया जा सकता है। जब  न्यायालय में न्यायाधीश ही नहीं रहेंगे तो न्याय मिलने का सवाल ही नहीं उठता है।

                        न्याय यात्रा के नेताओं ने बताया कि देश की 22 शहरों की हालत बिलासपुर जैसी ही है। ऊंचे रसूख रखने वालों को आनन फानन में न्याय मिल जाता है। यह हमारे देश की सबसे बड़ी विसंगति है। देखने में मिलता है कि जब ऊंचे रसूख वाले फंसते हुए दिखाई देते हैं तो न्यायिक प्रक्रिया काफी ऊबाऊ और थकाने वाली साबिल होती है। उन्होने कहा कि आज भी लोगों पर न्यायिक प्रक्रिया के प्रति थोड़ी बहुत विश्वास कायम है। यदि सरकार ने उसे अपने हद से अधिक दखलदंजी की तो लोगों का न्यायतंत्र से विश्वास उठ जाएगा।

                 फोरम फॉर जस्टिस के आम सभा ने सभी वक्ताओं ने बताया कि जनता को अपने अधिकार के लिए ना केवल सजग रहना होगा बल्कि तंत्र पर न्याय के लिए दबाव बनाना होगा। प्रयास करना होगा कि वे समदर्शी होकर सरकार चुनें। क्योंकि सरकार यदि गंदी होगी तो कहीं ना कहीं उसका असर न्यायिक प्रक्रिया पर ना चाहते हुए देखने को मिलेगा। कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव और संभागीय प्रवक्ता अभय ने कहा कि केवल न्याय मिलने से ही काम नहीं चलेगा। बल्कि न्याय को दिखना भी होगा। जो इन दिनों कहीं दिखाई नहीं देती है।

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