बिलासपुर ।शासन के निर्देशानुसार ग्राम पंचायतों में रेत खदान संचालन के लिए न्यूनतम 5 हजार हेक्टेयर की बाध्यता को कम कर 2 हजार हेक्टेयर किया गया है। इस मापदण्ड के अनुरूप ग्राम पंचायतों में नए रेत खदान स्वीकृत किए जायेंगे। जिसके लिए पंचायतों से प्रस्ताव मंगाए जा रहे हैं। कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने नदी किनारे ग्रामों में अधिक से अधिक रेत खदानों का चिन्हांकन करने का निर्देश मंगलवार को टी.एल.बैठक में दिया। जिससे शासकीय व निजी निर्माण कार्य हेतु रेत उपलब्ध हो सके।
खनिज विभाग द्वारा नवीन रेत खदान घोषित करने हेतु ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव, आज तक की स्थिति का खसरा पांचमाला एवं चिन्हित पटवारी नक्शा के साथ आवेदन प्रस्तुत करने सरपंचों एवं सचिवों को पत्र जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बिलासपुर जिला के अंतर्गत वर्ष 2012 के पूर्व लगभग 74 खदाने थी, जो कि खनिज कार्यालय द्वारा घोषित व संचालित थे। ट्रिव्यूनल द्वारा पारित आदेश उपरांत सभी रेत खदानों पर्यावरण संबंधी स्वीकृति उपरांत ही उत्खनन कार्य की बाध्यता तथा नवीन रेत खदानों के लिए भी पर्यावरण स्वीकृति के पश्चात् खदान का संचालन अनिवार्य किया गया था। इसी तरह ग्राम पंचायतों में न्यूनतम 5 हजार हेक्टेयर में ही खदान संचालन हेतु आवेदन किये जाने का प्रावधान था। किन्तु अब पर्यावरण क्लीयरेंस के साथ न्यूनतम 2 हजार हेक्टेयर में रेत खदानें संचालित की जा सकेंगी।
पंचायतों को मिलेंगी रेत खदानें
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