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पंडों के कंधों पर आबकारी टीम

IMG-20160609-WA0023बिलासपुर– आबकारी टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई में अवैध शराब उत्पादकों और विक्रेताओं की शामत आ गयी है। अब तो लोगों को शक होने लगा है कि ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई में किसी गुट विशेष का तो हाथ नहीं है। क्योंकि आबकारी दारोगा बेचैन हैं..और अधिकारी भी कुछ बोलने की स्थित में नहीं है। प्रश्न उठना लाजिम है कि कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है।

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                      नए आबकारी अधिकारी के आते ही अवैध शराब बनाने वालों की शामत आ गयी है। मोपका, सरकंडा, मस्तूरी के बाद अब तखतपुर में भारी मात्रा में लहान और शराब, आबकारी विभाग की टीम ने जब्त किया है। खबर आबकारी की सक्रियता और ग्राफ को जाहिर करता है। लेकिन शक की लकीर उससे कहीं ज्यादा लंबी दिखाई दे रही है। आबकारी विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि ऐसा बहुत दिनों तक नहीं चल सकता है। किसी ठेकेदार या पंडों के इशारे पर कार्रवाई करने का मतलब खतरा है।

                  मालूम हो कि कुछ दिन पहले मस्तूरी सीपत क्षेत्र में लक्ष्मी कुर्रे को भी पंडों के इशारे पर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया गया था। आबकारी का साथ डंडों और पंडों ने दिया था। लेकिन आबकारी विभाग का दावा है कि लक्ष्मी कुर्रे के साथ मारपीट नहीं की गयी। बाद में पता चला कि लक्ष्मी कुर्रे की हालत बहुत गंभीर है। सांस लेने में तकलीफ हो रही है। शरीर पर गंभीर जख्म हैं। इसलिए उसे जेल से तीन दिन के लिए हथकड़ी के साथ सिम्स में इलाज के लिए भर्ती किया गया। यदि सिम्स में भर्ती नहीं किया जाता तो लक्ष्मी कुर्रे के साथ क्या हुआ किसी को पता नहीं चलता।

                            आबकारी विभाग के एक कर्चमारी की माने तो हमारी नौकरी बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है। इससे ज्यादा हम कुछ नहीं बता सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आबकारी अधिकारी इस समय शराब संचालकों के इशारे पर काम कर रहे हैं। छापामार कार्रवाई के दौरान डंडे और पंडे दोनों साथ रहते हैं। आज तखतपुर में ऐसा ही हुआ। छापामार कार्रवाई के दौरान लहान तो बरामद हुआ लेकिन शराब का नामो निशान नहीं मिला। लेकिन पंडों की कृपा से सत्तर लीटर शराब की व्यवस्था हो गयी।

                             तखतपुर के सोनबंधा में आबकारी की पूरी टीम ने काम किया। छापा मारने के दौरान कुछ दारोगा ज्यादा ही सक्रिय नजर आए। शराब नहीं मिलने और महिलाओं पर कार्रवाई की खिलाफत करने वाले बुजुर्ग पर पंडों का जमकर फूटा। मालिगराम समेत चार महिलाओं और एक पुरूष पर गैरजमानती धारा थोप दिया गया। बताया जा रहा है कि कुछ दारोगाओं को आबकारी अधिकारी के करीब पहुचाने के लिए ठेकेदार विशेष दिलचस्पी ले रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विरोधियों को मजा चखाने के लिए छापामार कार्रवाई के बहाने किसी गुट विशेष को निशाना बनाया जा रहा है। यदि ऐसा है तो आबकारी विभाग के सेहत के लिए ठीक नहीं है। क्योंकि हर बार कांटे से कांटा नहीं निकाला जा सकता है। इस दौरान संभावना रहती है कि कभी कांटा निकालने वाला कांटा ही गहरा जख्म ना दे जाए। फिर भी सूत्रों से जो सूचना मिल रही है उसके अनुसार इन दिनों आबकारी विभाग पंडो के कंधों की सवारी कर रहा है।

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