पत्रकारों ने देशहित को सबसे ऊपर रखा-डॉ.हिमांशु

BHASKAR MISHRA
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IMG20170305175859बिलासपुर– पूर्व मंत्री बीआर यादव की पुण्यतिथि पर पंडित देवकीनंदन दीक्षित सभागार में व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इस मौके पर राउत महोत्सव समिति के संयोजनक डॉ.कालीचरण यादव ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होने राउत उत्सव समिति के कार्यक्रमों की जानकारी भी दी। कार्यक्रम का आयोजन दो चरणों में किया गया। दूसरे चरण में पत्रकारिता का सामाजिक सरोकार विषय पर मुख्य वक्ता हीमांशु द्विवेदी और सीजी वाल संपादक रूद्र अवस्थी ने अपनी बातों को गंभीरता के साथ रखा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर किशोर राय विशेष रूप से उपस्थित थे।

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                              पूर्व मंत्री बीआर यादव की पुण्यतिथि पर विशेष व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। पत्रकारिता का सामाजिक सरोकार विशष पर अतिथियों ने अपने विचारों को गंभीरता के साथ रखा। मुख्य वक्ता डॉ.हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता के सराकोर को लोग दो भागों में लोग बांटकर देखते हैं। आजादी के पहले की पत्रकारिता और आजादी के बाद की पत्रकारिता और सरोकार। हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि आजादी के पहले पत्रकारों ने स्वाधीन भारत का लक्ष्य बनाया। उसी के ईर्द गिर्द पत्रकारिता भी हुई।

                          आजादी के बाद सरोकार में बदलाव हुआ। देश पुनर्निर्माण के दौर में था। विषय अनेक थे…मजबूती के साथ साथ देश का विकास करना था। इसलिए पत्रकारिता का विषय बदला और आजादी का स्थान विकास ने ले लिया। आज का विकसित भारत इसी अभियान का एक हिस्सा है। उन्होने बताया कि जब भी देश के मान सम्मान की बात सामने आयी पत्रकारों ने कभी समझौता नहीं किया। पत्रकारों ने देशहित को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। हिमांशुं ने बताया कि एक पत्रकार में अच्छा इंसान होने के साथ स्पष्ट नजरिया का होना बहुत जरूरी है।

                                               कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सीजी वाल संपादक रूद्र अवस्थी ने बताया कि पत्रकारिता और समाज के बीच घनिष्ट रिश्ता है। समाज ही पत्रकारिता की ताकत है। समाज की सोच और दृष्टि पत्रकारिता की दिशा तय करती है। रूद्र अवस्थी ने कहा कि समाज को पत्रकारिता का आयुध कारखाना कहा जाता है। सामाज की सोच पत्रकारिता की ताकत है। उन्होने कहा कि आज समाज ने प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया है। समाज ने पत्रकारिता का नया रास्ता चुन लिया है। इन तमाम रास्तों में एक रास्ता सोशल मीडिया भी है। इससे समझा जा सकता है कि समाज कितना सशक्त और जिम्मेदार हो गया है।

               रूद्र अवस्थी ने कहा पत्रकारिता बिना सामाजिक सरोकार के संभव नहीं है। हो सकता है कि इसकी दिशा कुछ अलग हो लेकिन इस दिशा को भी समाज ने ही दिया है। कह सकते हैं कि जिस तरह बिना सामाजिक सरोकार के पत्रकारिता संभव नहीं है उसी तरह पत्रकारिता के बिना समाज की दिशा का आंकलन भी मुश्किल है।

             महापौर किशोर राय ने कहा कि चाहे आजादी के पहले की बात हो या फिर आजादी के बाद की। पत्रकारों ने समाज को दिशा दी है। सरकार की आंख और होती है पत्रकारिता। पत्रकारिता से ही समाज के विकास का आंकलन किया जाता है। किशोर राय ने बताया कि समय के साथ पत्रकारिता के स्वरूप में परिवर्तन हुआ है। पत्रकारिता की गति तेज हुई है। पत्रकारिता के नए नए माध्यम आ चुके हैं। यदि समाज का सरोकार नहीं होता तो इन माध्यमों को आवश्यकता नहीं होती। जाहिर सी बात है कि बिना सामाजिक सरोकार के पत्रकारिता की कल्पना मुश्किल है।

                          कार्यक्रम के अंत में डॉ.कालीचरण यादव ने व्याख्यान माला के उद्देश्य और सफलता पर अपने विचारों को सबके सामने रखा। आभार प्रदर्शन बीआर यादव के पुत्र वरिष्ठ कांग्रेस नेता कृष्ण कुमार यादव(राजू) ने किया। इस दौरान आयोजक समिति की तरफ कृष्ण कुमार यादव ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।

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