लेकिन यह टीम भी नाकार ही साबित हुई और इसने भी मामले को थका डालने तक लम्बा खींचने और रफा-दफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके बाद फिर एकाएक सीबीआई की ओर सें मामले की क्लोजर रिपोर्ट के लिये 20 दिसम्बर 2015 को कोर्ट में आवेदन कर दिया गया।यह गनीमत है कि सीबीआई की दोगली भूमिका और घूसखोरी के तमाशे को देखते हुए बिलासपुर प्रेस क्लब व स्वर्गीय सुशील पाठक पत्नी संगीता पाठक ने हाईकोर्ट में सीबीआई के खिला्रफ मामला लगा रखा है, जिसमें इस मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय एसआईटी से जांच कराने के लिये आग्रह किया गया है।और इस तरह नाकाबिल पुलिस व घूसखोर सीबीआई अफसरों के धतकरमों के कारण स्वर्गीय सुशील पाठक की हत्या के छह साल बाद भी बिलासपुर के पत्रकारों, स्वर्गीय पाठक के परिवार और बिलासपुर की जनता को इस मामले के बेपर्दा होने का बेसब्री से इंतजार है।