पागल ने नचाया पुलिस को ठगनी का नाच…दिन भर आटो चालकों की ठुकाई…सच्चाई सामने आते ही उड़ गए होश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—एक सिरफिरे ने पुलिस को ठगनी का नाच नचाया। जब पुलिस के सामने अच्छे-अच्छे अपराधी कांपने लगते हैं।  उसी पुलिस को एक पागल ने पागलों की तरह दौड़ाया। मामला जितना दिलचस्प है उतना ही हैरान करने वाला भी।
                      एक फर्जी खबर ने पुलिस के कान खड़े कर दिये। खबर मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई फिर क्या था दनादन गिरफ्तारी हुई। इसके बाद दे दनादन बेगुनाहों की ठुकाई भी हो गयी। मामला फर्जी साबित होने पर पुलिस के होश उड़ गए। अब पुलिस के सामने अपनी शर्मिन्दगी के अलावा कुछ नहीं रह गया। क्योंकि हमेशा जांच पड़ताल का हवाला देने वाली पुलिस बेगुनाहों पर जो जुल्म बरसाये…कोई याद रखे या ना रखे..लेकिन मार खाने वाले आटो चालक इसे कभी नहीं भूलेंगे।
                  सुबह पुलिस के पास पहुंचे एक युवक ने आपबीती सुनाई। युवक की आपबीती सुनकर पुलिस के होश उड़ गए। मामला कुछ इस तरह से है। सुबह एक युवक बिलासपुर रेलवे स्टेशन में RPF के पास पहुंचा। खुद के साथ हुई घटना की जानकारी दी। आरपीएफ ने लिस का मामला कहते हुए युवक को स्टेशन के पास मौजूद पुलिस चौकी भेज दिया। युवक को सुनने के बाद पुलिस को मामला संवेदनशील लगा। युवक को तार बाहर थाने  भेजा गया । युवक ने थाने में जो कहानी…सुन पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए।
                        युवक ने पुलिस को अपना नाम कटघोरा निवासी दिनेश यादव बताया। दिनेश ने पुलिस के सामने बयान दिया कि उसकी 17 साल की बहन अमरकंटक में पढ़ाई करती है। शनिवार रात सड़क मार्ग से वह अपनी बहन को लेकर बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा। सोमवार और रविवार तड़के पौने पांच बजे ऑटो से कटघोरा जाने के लिए निकले। जैसे ही वह ऑटो स्टैंड पहुंचा तो वहां मौजूद दो ऑटो चालकों ने उसके चेहरे पर घुसा मार कर गिरा दिया। इसके बाद  उसकी बहन को लेकर रफूचक्कर हो गए ।
                    चूँकि ऐसी घटना एक बार और बिलासपुर में हो चुकी है। इसलिए पुलिस ने एक पल भी गवांए बिना मामले को क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया। इसके बाद शुरू हुआ पुलिस का नादानी भरा खेल। युवक को मौके पर ले जाकर पहचान परेड  कराई गई। युवक ने एक ऑटो चालक की पहचान कर बताया कि बहन के अपहरण इसका हाथ हो सकता है। पुलिस ने बिना देर किए दीपक साह नाम के ऑटो चालक को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एक-एक कर उसके साथियों को भी पकड़ा गया।
                पकड़े गए सभी आटो चालकों की थाना लाकर जमकर धुनाई हुई। ऑटो चालक अपनी बेगुनाही को लेकर चीखता-पुकारता रहा। लेकिन पुलिस के सामने उसकी एक नहीं चली। इस बीच दिनेश यादव बार बार अलग-अलग ऑटो चालकों को देखकर वारदात में शामिल होने की बात कहता रहा। दोपहर तक पुलिस ने कई ऑटो चालकों से धर पकड़ और पूछताछ की। लेकिन परिणाम कुछ हासिल नहीं हुआ।
               इसके बाद पुलिस को भी शक होने लगा कि कहीं दिनेश यादव तो झूठ नहीं बोल रहा है। पुलिस वालों ने दिनेश से उसके पिता का मोबाइल नंबर मांगा। जब पुलिस ने दिनेश यादव के पिता से बात की तो पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई। दिनेश यादव के  पिता ने बताया कि उनकी कोई बेटी नहीं है। ऐसे में बेटी के अपहरण का सवाल ही नहीं उठता है।
                     पुलिस से बातचीत के दौरान दिनेश के पिता ने बताया कि दिनेश यादव की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इससे पहले भी उसने उल जुलूल हरकत की है। फिर क्या था पुलिस ने अपना माथा पकड़ लिया। दूसरी तरफ आटो चालकों में आक्रोश की बात सामने आयी है।
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