पीएम ने की तारीफ,अब किसानों की आमदनी होगी दोगुनी

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pmo_meetनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा इस कार्य योजना के बारे में दिए गए प्रस्तुतिकरण को देखा और इसके लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए उन्हें केन्द्र की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रस्तुतिकरण में उन्हें बताया कि राज्य सरकार सूखे और अकाल के प्राकृतिक संकट से निपटने के लिए अल्प कालीन और दीर्घकालीन रणनीति बनाकर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने मोदी को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत राज्य में 54 हजार 931 करोड़ खर्च करने की योजना तैयार की गई है।

                         मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रस्तुतिकरण में बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस वर्ष राज्य के लगभग 15 लाख किसानों का बीमा कराने का लक्ष्य है।मुख्यमंत्री नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में  जानकारी दी। डॉ. सिंह ने सूखे से निपटने के लिए केन्द्र सरकार से राज्य को मिल रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।  डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आम तौर पर 1200 मिलीमीटर औसत बारिश होती है, लेकिन पिछले साल मानसून कमजोर रहा और सिर्फ 1000 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके फलस्वरूप राज्य को विगत बारह वर्ष में पहली बार सूखे का सामना करना पड़ा। राज्य के लगभग 150 तहसीलों में से 117 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित कर किसानों और ग्रामीणों को राहत पहुंचाने के सभी उपाय किए जा रहे हैं।

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                    मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सूखे की प्राकृतिक विपदा से निपटने के लिए तात्कालिक उपायों के तहत राष्ट्रीय आपदा राहत निधि और राज्य आपदा राहत निधि से लगभग दस लाख किसानों को 502 करोड़ रूपए की सहायता दी जा चुकी है, वहीं लगभग छह लाख 30 हजार किसानों को राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत 658 करोड़ रूपए दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि दीर्घकालीन उपायों के तहत भू-जल संरक्षण, टपक सिंचाई और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देने तथा अन्य सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए भी कार्य योजना बनाई गई है। वर्ष 2016-17 में भू-जल संरक्षण के लिए 53 हजार से अधिक तालाब निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पेयजल संकट से निपटने के लिए  भी योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत नलकूपों (हैण्डपम्पों) में एक लाख 94 हजार मीटर राईजर पाईप बढ़ाए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में वाटर एटीएम की योजनाएं चरणबद्ध ढंग से शुरू की जा रही है।

                    मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में तात्कालिक राहत उपायों के तहत लगभग 24 लाख किसानों का 02 करोड़ 60 लाख रूपए का लगान माफ किया गया, वहीं 6 लाख 90 हजार किसानों का सिंचाई टैक्स भी माफ कर दिया गया। सूखा प्रभावित तहसीलों के 9000 गांवों में एक क्विंटल चावल का वितरण किया गया। मनरेगा के तहत 80 करोड़ रूपए की राशि से 10 लाख जरूरतमंदों को 200 दिन के रोजगार की व्यवस्था की गई है।

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