बिलासपुर— हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। अभिषेक सिंह की तरफ से अधिवक्ता सीनियर काउंसलर के अलावा अधिवक्ता विवेक शर्मा और प्रवीण दास ने पैरवी की। वकीलों ने कहा कि अभिषेक पर प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज एफआईआर विधान सम्मत नहीं है। लगाए गए आरोप देश के कानून और संविधान के खिलाफ है। इसलिए अभिषेक सिंह ना तो दोषी हैं। और ना ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज ही किया जा सकता है।
Join Whatsapp Group | यहाँ क्लिक करे |
बताते चलें कि अभिषेक सिंह पर निवेशकों ने अनमोल इण्डिया कम्पनी का प्रमोटर बताया। आरोप लगाया है कि तात्कालीन सांसद अभिषेक सिंह ने फायनेंस कम्पनी अनमोल इण्डिया को प्रमोट करने मंच साझा किया। प्रचार प्रसार भी किया। अनमोल इण्डिया के सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग भी लिया। प्रभावित होकर लोगों ने कम्पनी में निवेश किया। कुछ दिनों बाद कम्पनी बंद हो गयी। नाराज होकर निवेशकों ने प्रदेश के कई थानों में पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया।
बुधवार को मामले में जस्टिस आरसीएस सामंत के कोर्ट में सुनवाई हुई। अभिषेक सिंह के वकीलों ने कहा कि राजनैतिक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। यह जानते हुए भी अभिषेक सिंह जनप्रतिनिधि हैं। उन्हें जनता किसी भी कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बुला सकती है। कार्यक्रम में शामिल होना उनका कर्तव्य है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो जनप्रतिनधियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। जबकि दर्ज एफआईआर भारतीय कानून व्यवस्था और संविधानिक प्रावधनों के खिलाफ है। ऐसी व्यवस्था को बदलने की जरूरत है। साथ ही कानून में जरूरी सुधार की भी जरूरत है। ऐसी स्थिति में अभिषेक सिंह के खिलाफ मामला बनता ही नहीं है। मामले में शासन की तरफ से महाधिवक्ता ने पैरवी की।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला को सुरक्षित रखा है। जल्द ही आने वाले दो एक दिनों में कोर्ट फैसला करेगा।