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प्रतिपरीक्षण में आया मुकेश गुप्ता का जवाब…कर्मचारी नहीं-अधिकारी लेते हैं सुरक्षा का निर्णय…

R_CT_RPR_545_30_JHEERAM_SUNWAI_VIS_VISHAL_DNGबिलासपुर—दरभा हत्याकाण्ड मामले को लेकर विशेष न्यायालय में चल रहे झीरम आयोग की सुनवाई में आज भी बस्तर के तत्कालीन एडीजे मुकेश गुप्ता का क्रॉस एक्समिनेशन अधूरा रहा । सुनवाई 11 अगस्त तक जारी रहेगी। इस दौरान मुकेश गुप्ता दीपक कर्मा और माणिक मेहता के आवेदन पर विचार किया जाएगा।

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                 कांग्रेस अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने मुकेश गुप्ता पर सवालों की झड़ी लगा दी । सवाल जवाब के दौरान मुकेश गुप्ता असहज नजर आए। सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि विकास यात्रा की सुरक्षा जिम्मेदारी आपके हाथ में थी। जिस तरह विकास यात्रा को सुरक्षा दी गयी…वह सुरक्षा परिवर्तन यात्रा में नजर नहीं आयी। सुदीप ने कहा कि विकास यात्रा सड़क मार्ग से बस्तर जिले के बड़े किलेपाल- जगदलपुर- भनपुरी तक थी। परिवर्तन यात्रा दरभा- जगदलपुर होते हुए भनपुरी रास्ते पर थी। दोनों यात्रा की दूरी कमोबेश समान है। बावजूद इसके विकास यात्रा में 1789 और परिवर्तन यात्रा में मात्र 218 सुरक्षा कर्मी थे। आठ गुना अंतर क्यों। मुकेश गुप्ता ने कहा कि सुरक्षा और कर्मियों की मांंग डिमांड के अनुसार होती है। सुरक्षा देने का निर्णय अधिकारियों को लेना होता है…ना की कर्मचारियों को।

                     एक अन्य सवाल के जवाब में मुकेश गुप्ता ने कहा कि पूर्व सीएम और सीएम को यात्रा के दौरान हेलीकाफ्टर से थे। इसका निर्णय किस प्रकार और कौन करता है..इसकी जानकारी मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसलिए सवाल का जवाब बताने में सक्षम नहीं हूं।

                                    गुप्ता ने कहा कि एक आपीएस होने के नाते मैने नक्सलियों से सबसे ज्यादा लोहा लिया। नक्सलियों के हौंसलों को पस्त किया। सुदीप श्रीवास्तव के सवालों का जवाब देते हुए बस्तर के तात्कालीन एडीजे इंटेलिजेन्ट ने बताया कि परिवर्तन यात्रा नियत समय से दो घंटे देर से थी। परिवर्तन यात्रियों को 12 बजे भोजन पर होना था। लेकिन करीब डेढ़ बज गए। सभी लोग निर्धारित कार्यक्रम स्थल में दो घंटे देर से करीब 3 बजे पहुंचे।

                    मालूम हो कि सरकार ने कोर्ट में शपथ पत्र के साथ बताया है कि परिवर्तन यात्रियों ने 12 बजे खाना खाया। निर्धारित समय पर करीब 1.30 बजे कार्यक्रम को संबोधित किया।

                            कोर्ट उठने तक मुकेश गुप्ता का प्रतिपरीक्षण पूरा नहीं हुआ सका। इसलिए बस्तर के पूर्व एडीजी विशेष कोर्ट में मौजूद होकर सवालों का जवाब देंगे। प्रतिपरीक्षण कार्यक्रम के दौरान जिले के सभी पुलिस आलाधिकारी और थानेदार मौजूद थे।

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