प्रेरकों ने की शिक्षाकर्मी बनाए जाने की मांग

BHASKAR MISHRA
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IMG20170407150024बिलासपुर– छत्तीसगढ़ प्रेरक पंचायत समन्वयक संघ ने प्रदेश सरकार से प्रेरकों को शिक्षाकर्मी बनाए जाने की मांग की है। जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर बड़ी संख्या में प्रेरकों ने पहुंचकर जिला प्रशासन को राज्यपाल,मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम मांग पत्र दिया है। प्रेरकों ने बताया कि शासन से मिल रहा मानदेय महंगाई को देखते हुए पर्याप्त नहीं है। परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है।

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                            अच्छी खासी संख्या में बिलासपुर जिले के विभिन्न ब्लाकों से प्रेरक जिला कार्यालय नारेबाजी करते पहुंचे। जिला प्रशासन को कलेक्टर,मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम आवेदन दिया। छत्तीसगढ प्रेरक पंचायत समन्वयक संघ के जिला अध्य़क्ष गोविंद यादव ने बताया कि मात्र दो हजार रूपए में घर चलाना मुश्किल है।

                    गोविंद यादव के अनुसार साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ शासन ने प्रत्येक पंचायतों में दो प्रेरकों को नियुक्त किया। प्रेरक लोग पंचायत के वरिष्ठ नागरिकों,अशिक्षत महिला और पुरूषों को पढ़ा लिखाकर साक्षर कर रहे हैं। लेकिन प्रेरकों को मानदेय के रूप में मात्र दो हजार रूपए प्रति महीना दिया जा रहा है। परिवार के भरण पोषण में यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा की तरह है। नतीजन प्रेरकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

       प्रेरकों ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम राजनांदगांव सांसद अभिषेक सिंह का पत्र भी दिया। पत्र में सांसद अभिषेक सिंह ने मुख्यमंत्री से निवेेदन किया है कि घोषणा के अनुसार प्रेरकों के मानदेय को न केवल बढ़ाया जाए। बल्कि उन्हें शिक्षाकर्मी बनाने के आश्वासन को भी पूरा करने का प्रयास किया जाए।

                                   गोविंद यादव ने बताया कि प्रेरकों को खाली पेट और दूर दूर क्षेत्रों में जाकर अपने कार्यो को अंजाम देना होता है। खाली पेट ऐसा करना मुश्किल है। गोविंद ने राज्यपाल,मुख्यमंत्री से प्रेरकों को शिक्षाकर्मी से संविलियन के अलावा प्रतिमाह 15000 हजार रूपए वेतन की मांग की है। प्रेरकों ने लोक शिक्षा केन्द्र संचालन के लिए स्वयं का भवन और कम्प्यूटर भी मांगा है। आवेदन में प्रेरकों ने कहा है कि मुख्य निर्वाचन कार्य में प्रेरकों को प्रशिक्षित कर चुनावी प्रकिया में काम लिया जाए। शिक्षादूत भर्ती में प्रेरकों को प्राथमिकता देने को कहा है।

           इस मौके पर भारी संख्या में महिला और पुरूष प्रेरक जिला कार्यालय परिसर में मौजूद थे। जिला प्रशासन ने प्रेरकों की मांग को शासन को भेजने का आश्वासन दिया है।

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