बिलासपुर— शिक्षाकर्मियों का दर्द एक बार फिर छलका है। शिक्षाकर्मियों ने बताया कि संविलियन के बाद भी रक्षाबंधन का त्योहार कर्ज के बोझ में मनाया गया। नवीन शिक्षाकर्मी नेता अमित कुमार नामदेव ने बताया कि परेशानी कम होने की नाम नहीं ले रही है। आज भी शिक्षाकर्मियों और उनके परिवार को घर चलाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है।
नवीन शिक्षाकर्मी संघ नेता अमित नामदेव ने बताया कि आठ साल से कम सेवा वाले शिक्षाकर्मियों की परेशानी कम होने का नाम ही नही ले रही है। रक्षाबंधन त्योहार में वेतन नहीं दिया गया। वेतन समेत तमाम सुविधाओं के लिए जदोजहद करना पड़ रहा है। आज भी प्रदेश के कई ब्लॉकों में शिक्षाकर्मियों का वेतन पिछले तीन महीनों से नही मिला है। शिक्षाकर्मियों को एक माह देर से वेतन मिलना तो आम बात हो गयी है।
अमित नामदेव ने बताया कि जिन शिक्षाकर्मी साथियों की सेवाएं सात वर्ष पूरे हो चुके हैं उन्हें आज तक समयमान वेतनमान नहीं मिला है। कमोबेश प्रदेश के सभी ब्लॉकों में शिक्षा कर्मियों का करोड़ों रुपए का भुगतान लंबित हैं। वेतन जैसी मूलभूत जरूरतों में अनावश्यक विलंब अब तो समझ से परे हो गया है। सरकार को समझना होगा कि शिक्षाकर्मियों का भी परिवार है। उन्हें आटा दाल खरीदना पड़ता है। वे भी बीमार पड़ते हैं…और उन्हें भी दो जून की रोटी चाहिए। लेकिन अब क्या करें कि सरकार को हमारा दुख दर्द महसूस हो। शर्म की बात है कि शिक्षाकर्मी भाइयों को रक्षाबंधन जैसा पवित्र पर्व भी बिना वेतन के मनाना पड़ा है।