बिजली उपभोक्ताओं पर लगेगा वीसीए चार्ज, कोयला – तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के कारण लगाया चार्ज

Shri Mi
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रायपुर।प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को कोयले एव ंतेल की कीमत में वृद्धि होने के कारण आगामी दो माह तक 13 पैसा वेरियबल कास्ट एडजस्टमेंट (वीसीए) चार्ज देना होगा। इस चार्ज के निर्धारण का प्रावधान इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 62(4) के तहत् किया गया है। वीसीए दर का निर्धारण राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नियमों तथा दिशा-निर्देश के तहत किया जाता है इसके निर्धारण में वितरण कंपनी अथवा राज्य शासन की कोई निर्णायक भूमिका नहीं रहती है।

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वीसीए चार्ज का समायोजन देश के सभी विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा समय-समय पर किया जाता है, जिसका भुगतान सभी उपभोक्ताओं को करना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि केवल छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं से ही वीसीए चार्ज लिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में 30 जून 2012 से बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए चार्ज लेना आरंभ किया गया था। यह चार्ज समय-समय पर कम-ज्यादा होता रहता है। उक्त जानकारी छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज के अध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ला ने दी।

उन्होंने बताया कि विद्युत उत्पादन करने के लिये मुख्य रूप से कोयला एवं तेल की आवष्यकता ईंधन के रूप में विद्युत गृहों में होती है । इन दोनों प्रमुख घटकों की कीमत बाजार मूल्य के अनुरूप घटती-बढ़ती रहती है, जिसका निर्धारण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है। इसी तरह विद्युत दरों का निर्धारण राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है।

विद्युत दरों के निर्धारण के उपरांत कोयला एवं तेल की कीमत में परिवर्तन का प्रभाव विद्युत दरों पर भी पड़ता है, अतः इन घटकों की बढ़ी अथवा घटी हुई कीमत का समायोजन विद्युत दरों में करने के लिये प्रत्येक तीन माह में इसका आंकलन किया जाता रहा है और घटी-बढ़ी राषि को वी.सी.ए. (वेरियबल कास्ट एडजस्टमेंट) चार्ज के रूप में बिजली बिल में जोड़कर अथवा घटाकर उपभोक्ताओं से परिवर्तित राषि ली जाती है।

वीसीए की दर की गणना मई 2012 से लेकर सितम्बर 2015 तक त्रैमासिक आधार पर की जाती रही है तत्पष्चात यह दर द्विमासिक आधार पर की जा रही है। प्रदेश में अब तक अधिकतम 51 पैसा प्रति यूनिट वीसीए चार्ज समायोजित करने का निर्णय किया गया है जो कि अप्रेल तथा मई 2017 के बिलों में समायोजित किया गया था।

वर्तमान में यह दर केवल 13 पैसे प्रति यूनिट है जो कि जुलाई 19 तथा अगस्त 19 के बिल में समायोजित किया जायेगा। प्रदेष में नवगठित सरकार द्वारा एक मार्च से हाफ रेट पर बिजली भुगतान की योजना लागू की गई है जिसके अन्तर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रथम 400 यूनिट की बिजली खपत पर आधे दर से भुगतान करना होता है। इस योजना का लाभ वीसीए चार्ज पर भी मिलेगा।

इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 62(4) के तहत् वीसीए चार्ज लेने का प्रावधान

उल्लेखनीय है कि किसी भी वितरण कंपनी के कुल खर्चे का लगभग 75 से 80 प्रतिषत खर्चा पाॅवर परचेस के रूप में व्यय होता है, यह खर्चा विद्युत उत्पादन में लगने वाले फ्यूल अर्थात् कोयले के क्रय मूल्य में कमी अथवा बढ़ोत्तरी के कारण अनिष्चित-अनियंत्रित रहता है।

विदित हो कि विद्युत दर का निर्धारण वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व राज्य नियामक आयोग द्वारा कर दिया जाता है। दर निर्धारण के पश्चात् अन्य कारणों से विद्युत दर में बढ़ोत्तरी होने की स्थिति में विद्युत वितरण कंपनी पर पड़ने वाली अतिरिक्त वित्तीय भार को समायोजित करने का प्रावधान इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 62(4) में किया गया है।

इस धारा के तहत् विद्युत अपीलीय प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा 11 नवम्बर 2011 को जारी आदेश के तहत् राज्य नियामक आयोगों को निर्दिेषत किया गया कि वितरण कंपनी पर फ्यूल तथा पाॅवर परचेस कास्ट के कारण पड़ने वाले अतिरिक्त भार को मासिक आधार पर समायोजित करने के लिये एक रेग्यूलेषन (विनियमन) जारी किया जाये।

इस निर्देश के तहत् छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा 30 जून 2012 से फयूल कास्ट तथा विरेयबल कास्ट समायोजन करने की प्रक्रिया को अधिसूचित किया गया है। जिसके तहत् मई 2012 के पश्चात् सभी उपभोक्ताओं के मासिक बिलों में फयूल तथा वेरियबल कास्ट (जिसे वीसीए के रूप में परिभाषित किया गया है) के रूप में समायोजित किया जा रहा है।

पिछले एक वर्ष की वीसीए की दर निम्नानुसार रही हैः-

जुलाई-अगस्त 2018 – (-) 2 पैसा
सितम्बर-अक्टूबर 2018 – 07 पैसा
नवम्बर- दिसम्बर 2018 – 04 पैसा
जनवरी-फरवरी 2019 – 04 पैसा
मार्च -अप्रेल 2019 – 08 पैसा
मई-जून 2019 – (-) 01 पैसा
जुलाई-अगस्त 2019 – 13 पैसा

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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