एवज में गांव के ही जिंदा डबरी को जमीनदोज किया जा रहा है। जानते हुए भी दोनो काम गलत है। बावजूद इसके उद्योगपति और उसकी टीम पंचायत और प्रशासन से बिना अनुमति हजारों टन मिट्टी निकाल रही है। मजेदार बात तो यह है कि पंचायत को भी इस बात की जानकारी नहीं है।
बोदरी पंचायत का भगवान ही मालिक है… पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों की अपनी ढपली अपना राग है…पंचायत का काम रामभरोसे चल रहा है। बोदरी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक एक के तालाब से हजारों टन मिट्टी चार दिन से रात दिन निकाली जा रही है। पंचायत को खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि तालाब की मिट्टी कोई उद्योगपति अपने खेत को समतल करने निकलवा रहा है। समतल होने के बाद उद्योगपति खेत से केले की फसल लेना चाहता है। आश्चर्य की बात है कि उत्खनन की जानकारी किसी को नहीं है…ऐसा कैसे हो सकता है।
सब लोग गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ रहे है। बोदरी नगर पंचायत अध्यक्ष दिवाकर दुबे हो या इंजीनियर एन.के.दुबे उन्हें भी मिट्टी निकाले जाने की जानकारी नहीं है। बाद में दिवाकर दुबे ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने के लिए मिट्टी की जरूरत थी। इसलिए तालाब से कुछ मिट्टी निकालकर डबरी को समतल किया जा रहा है। तालाब से मिट्टी कौन निकाल रहा है उन्हें जानकारी नहीं है। चार दिन से दिन रात मिट्टी उत्खनन हो रहा है लेकिन बोदरी नगर पंचायत अध्यक्ष को जानकारी नहीं होना समझ से परे है।
सीजी वाल की टीम ने मौके पर पहुंच पड़ताल किया कि दिवाकर दुबे ने जो कुछ भी बताया वह सफेद झूठ है। उन्हें मिट्टी निकालने की पूरी जानकारी है। पानी से भरे डबरी के मेंड़ को समतल नहीं बल्कि उसे मिट्टी डालकर पाटा जा रहा है। टीम ने उद्योगपति के खेत का भी जायजा लिया। एकड़ों जमीन को पांच फिट मिट्टी डालकर ऊंचा कर दिया गया है। सीजी वाल टीम को उद्योगपति के नुमाइंदों ने बताया कि हमें नगर पंचायत से मिट्टी निकालने की अनुमति मिली है। हमारे पास आदेश की कापी भी है लेकिन नहीं दिखाएंगे।
दुबारा संपर्क करने पर सावधन होकर दिवाकर दुंबे ने बताया कि कितनी मिट्टी निकाली गयी…मुझे इसकी जानकारी नहीं है…। परिषद में तालाब से मिट्टी निकालने का प्रस्ताव नहीं दिया गया है। दुबे ने गलती सुधार करते हुए बताया कि डबरी पाटने का सवाल ही नहीं उठता है। मेड़ काटकर जमीन को समतल करने को कहा गया था। डबरी के समतल जमीन पर आंगनबाडी भवन बनाया जाएगा। दुबे ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि मिट्टी उत्खनन करने की अनुमति किसने दी….सोमवार को संज्ञान में लिया जाएगा।
सीजी वाल ने मामले की जानकारी खनिज विभाग और एसडीएम बिल्हा को दी। एसडीएम वैद्य ने बताया कि पटवारी को मौके भेजा जा रहा है। बिना अनुमति मिट्टी निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मिट्टी कहां डंप किया जा रहा है उसे भी संज्ञान में लिया जाएगा। डबरी किसके आदेश से पाटा जा रहा है इसकी भी जानकारी ली जाएगी।
खनिज अधिकारी राजेश मालवे ने बताया कि मिट्टी खोदने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। विभाग से व्यावसायिक हित के लिए मिट्टी निकालने की अनुमति नहीं ली गयी है। जेसीबी किसका है कार्रवाई के बाद ही पता चलेगा।
बोदरी नगर पंचायत उपाध्यक्ष कुशल पाण्डेय ने बताया कि पंचायत अधिकारियों के इशारे पर ही मिट्टी उत्खनन का काम चल रहा होगा। यद्पि इसकी जानकारी मुझे नहीं है। सीजी वाल का सहयोग करते हुए कुशल पाण्डेय ने एसडीएम को फोन लगाकर बताया कि परिषद में किसी को मिट्टी निगालने की जिम्मेदारी नहीं दी गयी है। तालाब से अवैध मिट्टी उत्खनन करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करे। कुशल ने बताया कि वार्ड क्रमांक एक बहुत अन्दर है। मिट्टी निकालने वाले को लगा होगा कि इसकी जानकारी किसी को नहीं होगी। लेकिन वह गलत साबित हुआ।
देखने वाली बात होगी कि क्या उस खेत का भी मुआयना किया जाएगा जहां लाखों टन मिट्टी डंप किया गया । क्या ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी जिन्होने डबरी पाटने का दुस्साहस किया है। यह जानते हुए भी कि पानी का स्तर लगातार गिर रहा है। बावजूद इसके उद्योगपति ने डबरी पाटने का दुस्साहस किया है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि मिट्टी निकालने की साजिश में बोदरी नगर पंचायत इंजीनियर का भी हाथ है।