बिलासपुर– बिलासपुर से शिक्षक के बेटे ने यूपीएससी में तेरहवां रैंक हासिल किया है। वर्णित नेगी को इतनी बड़ी सफलता दूसरे तीसरे प्रयास में मिली है। इसके पहले वर्णित ने दूसरे प्रयास में रेलवे सुरक्षा में सहायक आयुक्त का पद हासिल किया है। इस समय वर्णित नेगी लखनऊ में पदस्थ हैं। बिलासपुर के अर्चना बिहार निवासी डीएस नेगी के दो बेटों में वर्णित नेगी छोटे हैं। जबकि वर्णित के बड़े भाई बीएसएफ में मेडिकल अधिकारी हैं।
बिलासपुरवासियों को उस समय खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जब शाम को यूपीएससी का परिणाम सामने आया। लोगों ने देखा कि अर्चना बिहार निवासी शिक्षक का लड़का देश में तेरहवां स्थान हासिल बिलासपुर का परचम लहराया है। सीजी वाल से बातचीत में डीएस नेगी ने बताया कि वह इस समय कोरबा जिले के पाली विकासखण्ड में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं। परिणाम की जानकारी मिलने के बाद उन्हें खुशी हुई कि वर्णित मेहनत में कामयाब हुआ।
पिता डीएस नेगी ने बताया कि वह शासकीय हायर सेकन्डरी स्कूल परसदा में कार्यरत हैं। वर्णित दो भाई हैं। बड़ा भाई एमबीबीएस के बाद बीएसएफ में मेडिकल अधिकारी के पद पर देश की सेवा कर रहा है। पढ़ने में कुशाग्र वर्णित नेगी ने यूपीएससी में तेरहवां रैंक हासिल कर परिवार और बिलासपुर को गौरवान्वित किया है।
बातचीत में डीएस नेगी ने बताया कि वर्णित ने तेरहवां रैंक तीसरे प्रयास में हासिल किया है। पहली बार वर्णित को कोई सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में रैंक ठीक नहीं रहा। रेलवें में सहायक सुरक्षा आयुक्त का पद मिला। इसी दौरान उसने फिर से तैयारी की। मेहनत ने रंग लाई..वर्णित को देश में तेरहवां स्थान हासिल हुआ।
पिता डीएस नेगी के अनुसार वर्णित ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री कर्नाटक राज्य के सूरतकल एनआईटी से किया है। डिग्री लेने के दौरान ही वर्णित का कैम्पस सलेक्शन हुआ। पावर ग्रिड कार्पोरेशन की नौकरी के दौरान दुर्ग दिल्ली मलेर कोटला में काम करने का अवसर मिला। बाद में नौकरी से इस्तीफा देकर दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी की। दूसरे प्रयास में रेलवे में सहायक सुरक्षा आयुक्त का पद पाया। तीसरे प्रयास में 13 वां रैंक हासिल किया।
वर्णित नेगी के पिता ने बताया कि मुख्य परीक्षा में वर्णित का मनपसंद विषय मानवशास्त्र था। वर्णित को बैटमिंटन और पेटिंग से विशेष लगाव है।