बिलासपुर से राजस्थान के लिये दो नई ट्रेन

Chief Editor

railwaal_picasa- Copyबिलासपुर।रेल बजट 2014-15 में घोषित 18243/18244 बिलासपुर-भगत की कोठी एवं 18245/18246 बिलासपुर-बीकानेर, द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस सेवा के नियमित परिचालन का शुभारंभ बिलासपुर स्टेशन में शाम 06.20 बजे सुरेश प्रभाकर प्रभु, माननीय रेलमंत्री के द्वारा कान्फ्रेंस हाल, रेल भवन, नई दिल्ली से दूरवर्ती झंडी (रिमोट दबाकर) दिखाकर किया गया। शुभारम्भ के अवसर पर रेल भवन, नई दिल्ली में ए.के.मित्तल, चेयरमेन, रेलवे बोर्ड, मोहम्मद जमशेद, सदस्य यातायात, रेलवे बोर्ड एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। इसी प्रकार शुभारम्भ के अवसर पर बिलासपुर स्टेशन में लखन लाल साहू, माननीय सांसद, सियाराम कौशिक, माननीय विधायक, किशोर राय, माननीय महापौर, बिलासपुर, सत्येन्द्र कुमार, महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रविन्द्र गोयल, मंडल रेल प्रबंधक, बिलासपुर एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में बिलासपुर शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

             
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                        सुरेश प्रभाकर प्रभु के द्वारा दूरवर्ती झंडी दिखाकर शुभारंभ की गई 18243/18244 बिलासपुर-भगत की कोठी एवं 18245/18246 बिलासपुर-बीकानेर एक्सप्रेस गाडि़यों के रैक में एलएचबी कोच शामिल है। एलएचबी कोच का नाम इसका सर्वप्रथम निर्माण किये गये जर्मनी की कंपनी लिंक हाॅफमैन बुश के नाम पर पड़ा है। एलएचबी कोच भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम सन् 1999 में शामिल किए गये। वर्तमान में इसका निर्माण कपूरथला रेलवे कोच फैक्टरी में किया जा रहा है। एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होता है। दुर्घटना की स्थिति में ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते है एवं यात्रियों की सुरक्षित रहने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।

                           आज के समय की मांग पर अगर स्पीड की बात की जाए तो ये कोच सामान्य कोचों की अधिकतम गति 110-130 कि.मी. की तुलना में 160 से भी अधिक की गति के लिए डिजाईन की गई है, एवं अधिकतम गति के लिए उपर्युक्त है। इन कोचों में बायोटायलेट की सुविधा दी गई है जो कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन कोचों में सामान्य कोचों की तुलना में ज्यादा जगह होती है जिससे इसके स्लीपर एवं एसी कोचों में अधिक बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराकर रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ की सुविधा प्रदान करने में भी सहायता मिलती है।

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