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बेटी को याद कर रो दिया बंदी…

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JALEबिलासपुर. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर बिलासपुर केन्द्रीय जेल में अजीवन कारावास की सजा काट रहे 57 बंदियों की आजाद करने की सूची शासन ने जारी कर दिया है। शासन की सूची के अनुसार 57 बंदियों को 15 अगस्त की सुबह जेल से आजाद कर दिया जाएगा। जेल अधीक्षक तिग्गा ने बताया की सुप्रीम कोर्ट ने अजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियो को रिहा करने का फैसला किया है। ऐसे कैदी जिन्होने अपनी जिन्दगी का लम्बा हिस्सा जेल की दीवारों के पीछे काटा है उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर अलसुबह रिहा कर दिया जाएगा।

               केन्द्रीय जेल से रिहा होने वालों में 57 में से 51 बंदी ऐसे है जिन्होंने अब तक 15-16 से साल की सजा काट चुके है । इनमें चोरी  के अलावा कई अन्य गंभीर अपराधों में सजा काटने वाले बंदी भी शामिल हैं। जिन्हें  उनके अच्छे चाल चलन और आचार व्यवहार के मद्देनजर शासन ने 68 वें स्वतंत्रता दिवस पर बतौर पुरस्कार आजाद करने का ऐलान किया है।

               शासन से जारी सूची के आधार पर इन बंदियों को 15 अगस्त को सुबह रिहा किया जाएगा। कुछ बंदियों ने बताया की उन्होने जेल मे काफी अच्छा समय बिताया है। यहां से वे लोग जिन्दगी जीने का हुनर लेकर बाहर जा रहे हैं। बाहर निकलकर लोगों को बेहतर रास्ते पर चलने की प्रेरणा देंगे। एक बंदी ने बताया की वह हत्या के आरोप मे 16 साल पहले जेल आया था। जबकि वह हत्या में शामिल नहीं था। लेकिन कहीं कुछ गड़बड़ी हुई उसकी सजा अब कल खत्म हो जाएगी। उसने बताया कि वह मानकर चल रहा है कि यह सब पिछले जन्मों के गलत कामों का दण्ड उसे  ईश्वर ने दिया है।

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                 एक अन्य बंदी हरिशंकर ने बताया कि जेल अधिकारियो के सहयोग से उसे समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व का बोध हुआ है। बाहर जाकर वह ना केवल सदमार्ग पर चलेगा बल्कि दूसरों को भी सत्य की राह पर चलने की नसीहत देगा। बंदी पी.एस.संतोष ने बताया कि वह जब जेल गया था तब बेटी उसकी वेटी 9 साल थी वह अब कालेज में पढ़ती है। मै कितना अभागा पिता हूं कि अपनी बेटी का ना तो ठीक से बचपन देख पाया और ना ही उसे पिता का प्यार ही दे पाया। उसने बताया कि जेल मे रहते हुए उसे जिन्दगी को बहुत करीब से पढ़ने का मौका मिला। कुछ हुनर भी सीखे। अब यही हुनर उसे परिवार के पेट भरने में सहयोगा करेगा।

               जेल अधीक्षक तिग्गा ने बताया की रिहा हो रहे बंदियो को पुनःस्थापित करने के लिए 25 से 26 हजार रूपये दिये जा रहे हैं। यह रूपया उन्होने सजा काम करते हुए कमाए हैं। जो नये जीवन को नए सिरे से व्यवस्थित करने में सहायक होगा । उन्होंने बताया कि जेल मे हासिल रोजारोन्मुख शिक्षा आजाद हो रहे कैदियों को बहुत काम आएगा। 57 कैदियो को आजाद करने की घोषणा होते ही जेल के बंदी साथियों ने अपनी खुशी का इजहार बैंड बाजा बजाकर किया।

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